5 राज्यों में मिली शिकस्त के बाद खुद को पुनर्जीवित करने में जुटी कांग्रेस, सोनिया कर रहीं ताबड़तोड़ बैठकें, मई में हो सकता है चिंतन शिविर

Sonia Gandhi
प्रतिरूप फोटो
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चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की ओर से अगले लोकसभा चुनाव और कांग्रेस में नई जान फूंकने के लिए पेश की गई रणनीति पर पार्टी के भीतर गहन मंथन का दौर जारी है। कई महीनों बाद कांग्रेस की रणनीतिक बैठक में दिग्विजय सिंह भी दिखाई दिए। लेकिन आगामी गुजरात चुनाव को देखते हुए अशोक गहलोत को भी शामिल किया जाना था।

नयी दिल्ली। पांच राज्यों में बुरी तरह हार का सामना करने के बाद कांग्रेस का रंग बदला-बदला नजर आ रहा है। पार्टी अध्यक्षा सोनिया गांधी सक्रिय हो गई हैं और ताबड़तोड़ बैठकें कर रही हैं। इसके साथ ही अपने बच्चों प्रियंका गांधी वाड्रा और राहुल गांधी के साथ मिलकर फैसला भी कर रही हैं। पिछले 5 दिनों में कांग्रेस अध्यक्षा ने चुनावी रणनीतिक प्रशांत किशोर उर्फ पीके के साथ 3 बैठकें की हैं। जिसमें शनिवार की बैठक सबसे ज्यादा अहम रही। इस बैठक में प्रशांत किशोर ने एक प्रेजेंटेशन दिया था, जिसमें कांग्रेस को फिर से जीवित करने का पूरा रोडमैप था। इसी के साथ ही कांग्रेस में प्रशांत किशोर की जल्द एंट्री भी हो सकती है। हालांकि अंतिम निर्णय सोनिया गांधी को लेना हैं। 

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कांग्रेस में हो रहा गहन मंथन

प्रशांत किशोर की ओर से अगले लोकसभा चुनाव और कांग्रेस में नई जान फूंकने के लिए पेश की गई रणनीति पर पार्टी के भीतर गहन मंथन का दौर जारी है। कई महीनों बाद कांग्रेस की रणनीतिक बैठक में दिग्विजय सिंह भी दिखाई दिए। लेकिन आगामी गुजरात चुनाव को देखते हुए अशोक गहलोत को भी शामिल किया जाना था। पिछले चुनावों में अशोक गहलोत की कुशल रणनीति के दम पर कांग्रेस ने गुजरात में भाजपा को कड़ी टक्कर दी थी। हालांकि कुछ नेताओं की गलतियों के चलते पार्टी यह चुनाव गंवा बैठी थी। खैर बैठकों में महासचिव केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश, अंबिका सोनी, मल्लिकार्जुन खड़गे, रणदीप सिंह सुरजेवाला समेत कई पार्टी पदाधिकारी शामिल हुए।

कांग्रेस का रिवाइवल प्लान

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, सोनिया गांधी के साथ पहली बैठक में प्रशांत किशोर ने कांग्रेस को पुनर्जीवित करने की योजना के बारे में इत्मीनान से समझाया। जिसमें उन्होंने कहा था कि पार्टी को लोकसभा की 370 सीटों पर अपना ध्यान केंद्रित करना है और बाकी की सीटों पर गठबंधन के माध्यम से आगे बढ़ा जा सकता है। इसके अतिरिक्त आगामी विधानसभा चुनावों पर भी चर्चा हुई थी। जिसमें गुजरात, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ शामिल हैं।

प्रशांत किशोर की इस योजना पर विचार-विमर्श करने के लिए सोनिया गांधी ने पार्टी नेताओं की एक कमेटी बनाई है। वहीं, माना जा रहा है कि मई के दूसरे सप्ताह में जयपुर में चिंतन शिविर का आयोजन हो सकता है। इससे पहले पार्टी अध्यक्षा कांग्रेस की कायाकल्प का स्वरूप तय करने में जुटी हुई हैं। पिछले कुछ दिनों से वो लगातार बैठकें कर रही हैं। ताकि पार्टी के भीतर उठ रही तमाम परेशानियों का समाधान किया जा सके। 

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कांग्रेस अध्यक्षा ने सोमवार को फिर बैठक की थी, जो करीब 6 घंटे तक चली। इसमें आगामी विधानसभा चुनावों और साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में पार्टी का क्या रणनीति होनी चाहिए, इस पर विस्तार से चर्चा हुई। इसके अलावा आगामी विधानसभा चुनावों में पार्टी की स्थिति क्या है, किस राज्य में पार्टी कमजोर है और किसमें मजबूत है और अगर कमजोर है तो किसके साथ गठबंधन किया जा सकता है। इस तरह के तमाम सवालों पर विस्तार से चर्चा की गई। इसी कड़ी में बुधवार को कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, भूपेश बघेल और अशोक गहलोत के साथ भी चर्चा की गई।

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