ITBP की पासिंग आउट परेड में बोले मुख्यमंत्री धामी, सीमा पर सैनिकों की वजह से देश चैन से सोता है

Pushkar Singh Dhami

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उम्मीद जताई कि नए सहायक सेनानी पूरे समर्पण के साथ कार्य करेंगे और एक कुशल व योग्य नायक के रूप में अपने आपको साबित करेंगे।

देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) में प्रशिक्षण प्राप्त कर नए बने सहायक सेनानियों से पूरे समर्पण के साथ काम करने की अपेक्षा की और कहा कि सीमा पर खड़े सैनिकों की वजह से ही पूरा देश चैन से सोता है। मसूरी में आइटीबीपी एकेडेमी में 42 सहायक सेनानी (जनरल डयूटी) और 11 सहायक सेनानी (अभियन्ता) की पासिंग आउट परेड समारोह में हिस्सा लेने के बाद मुख्यमंत्री धामी ने उम्मीद जताई कि नए सहायक सेनानी पूरे समर्पण के साथ कार्य करेंगे और एक कुशल व योग्य नायक के रूप में अपने आपको साबित करेंगे। पासिंग आउट परेड में आइटीबीपी के महानिदेशक सुरजीत सिंह देसवाल, उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। 

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धामी ने नए सेनानियों को सौभाग्यशाली बताया कि उन्हें आइटीबीपी जैसे उत्कृष्ट बल में सेवा करने का अवसर प्राप्त हुआ है जिसके हिमवीर लद्दाख के कराकोरम पास से अरुणाचल प्रदेश के जेचप ला तक 3488 किमी की अति दुर्गम सीमा की सुरक्षा पूरी मुस्तैदी के साथ कर रहे है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के वीर सैनिकों ने आजादी के बाद हर संघर्ष में अप्रतिम शौर्य का परिचय दिया है और उन्हीं की वजह से देश सुरक्षित हैं। इस मौके पर उन्होंने कहा, “ये देश चैन से सोता है, वो पहरे पर जब होता है। जो आँख उठाता है दुश्मन, तो अपनी जान वो खोता है। उनकी वजह से आज सुरक्षित ये सारी आवाम है, सरहद पर खड़े रखवालों को दिल से मेरा सलाम है।” 

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धामी ने कहा कि वह स्वयं एक पूर्व सैनिक के पुत्र हैं और इस कार्यक्रम में आकर उन्हें गर्व की अनुभूति हो रही है। उन्होंने कहा कि आइटीबीपी के हिमवीर मातृभूमि की सुरक्षा के अलावा साहसिक खेल-कूद और सीमावर्ती क्षेत्रों में लोगों के लिये कल्याणकारी गतिविधियों के आयोजन में भी आगे रहते हैं और उसने अन्य बलों के लिए उदाहरण भी प्रस्तुत किये है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रबंधन में भी आइटीबीपी द्वारा उल्लेखनीय कार्य किया जा रहा है। इस संबंध में उन्होंने 2013 की केदारनाथ आपदा तथा 2021 की ऋषिगंगा आपदा का भी जिक्र किया और कहा कि आइटीबीपी के आपदा प्रबंधन प्रयासों से जान माल की क्षति को काफी हद तक कम किया जा सका।

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