धोखाधड़ी मामला : अदालत ने हार्दिक पंड्या के सौतेले भाई की पुलिस हिरासत शुक्रवार तक बढ़ाई

Hardik Pandya
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क्रिकेटर बंधुओं के साथ चार करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी करने को लेकर वैभव (37) को आपराधिक विश्वासघात, आपराधिक भयादोहन, आपराधिक साजिश, फर्जीवाड़े के आरोपों और भारतीय दंड संहिता की संबद्ध धाराओं के तहत आठ अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था।

मुंबई। मुंबई की एक अदालत ने क्रिकेटर हार्दिक पंड्या और क्रुणाल पंड्या के सौतेले भाई वैभव की पुलिस हिरासत 19 अप्रैल तक बढ़ा दी। वैभव पंड्या पर साझेदारी वाले एक उद्यम के जरिये हार्दिक और क्रुणाल से चार करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है। वैभव की रिमांड अवधि खत्म होने के बाद उसे एक मजिस्ट्रेट अदालत में पेश किया गया। मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने उससे और पूछताछ करने के लिए उसकी हिरासत की अवधि बढ़ाने का अदालत से अनुरोध किया। 

क्रिकेटर बंधुओं के साथ चार करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी करने को लेकर वैभव (37) को आपराधिक विश्वासघात, आपराधिक भयादोहन, आपराधिक साजिश, फर्जीवाड़े के आरोपों और भारतीय दंड संहिता की संबद्ध धाराओं के तहत आठ अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, वैभव ने अदालत को बताया कि यह एक पारिवारिक मामला है और गलतफहमी के चलते मुकदमा दायर किया गया। पुलिस के अनुसार, क्रिकेटर बंधुओं ने वैभव के साथ मिलकर मुंबई में एक साझेदारी फर्म स्थापित की थी और 2021 में पॉलीमर का कारोबार शुरू किया था। 

पुलिस ने कहा था कि हार्दिक और क्रुणाल, दोनों में से प्रत्येक ने उद्यम में साझेदारी की शर्तों के अनुसार 40.40 प्रतिशत निवेश किया और शेष 20 प्रतिशत पूंजी वैभव ने निवेश की। शर्तों के अनुसार, वैभव को कारोबार के रोजमर्रा के कामकाज को देखना था और लाभ को निवेश के अनुपात में वितरित किया जाना था। यह आरोप है कि वैभव ने क्रिकेटर बंधुओं को सूचित किये बिना यही कारोबार करने वाली एक अन्य कंपनी स्थापित की, इस तरह साझेदारी की शर्त का उल्लंघन किया गया। 

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नयी कंपनी स्थापित किये जाने के साथ, मूल साझेदारी फर्म के लाभों के कथित तौर पर घटने से तीन करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इस अवधि के दौरान, वैभव ने लाभ में अपनी हिस्सेदारी 20 प्रतिशत से बढ़ा कर कथित तौर पर 33 प्रतिशत कर ली और हार्दिक एवं उनके भाई को नुकसान पहुंचाया। वैभव ने साझेदारी वाली कंपनी के खाते से करीब एक करोड़ रुपये अपने बैंक खाते में भेजे थे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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