न्यायालय ने आय से अधिक संपत्ति मामले में ओएएस अधिकारी को गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया
ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में ओडिशा वित्तीय सेवा की अधिकारी नलिनी प्रुस्ती और उनके पति बिजय केतन साहू की जांच कर रही है। साहू ओडिशा प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं।
उच्चतम न्यायालय ने आय से अधिक संपत्ति को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज धन शोधन मामले के संबंध में ओडिशा प्रशासनिक सेवा (ओएएस) के अधिकारी बिजय केतन साहू को सोमवार को गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया।
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की अवकाशकालीन पीठ ने अधिकारी को इस शर्त पर राहत दी कि वह विशेष अदालत के समक्ष पेश होंगे। शीर्ष अदालत ने इस मामले में धन शोधन रोधी एजेंसी को भी नोटिस जारी किया और इस मामले की अगली सुनवाई 29 जुलाई को निर्धारित की है।
इसके पहले उड़ीसा उच्च न्यायालय ने साहू को अग्रिम जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि उनके खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला बनता है। ईडी कथित तौर पर आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में ओडिशा वित्तीय सेवा की अधिकारी नलिनी प्रुस्ती और उनके पति बिजय केतन साहू की जांच कर रही है। साहू ओडिशा प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं।
ईडी ने एक बयान में कहा, ‘‘नलिनी प्रुस्ती और बिजय केतन साहू ने अपनी अवैध कमाई, जो उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक है, को अपने नाम के अलावा नलिनी प्रुस्ती की मां देबकी प्रुस्ती के नाम पर विभिन्न अचल संपत्तियों को अर्जित करने और बैंक में निवेश करने में किया।
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