NGT में एकल पीठ की अनुमति वाले नियमों में बदलाव की समीक्षा करेगा कोर्ट

Court will review changes in NGT rules allowing single back
[email protected] । Jan 28 2018 11:20AM

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) की एकल पीठ को न्यायिक कार्यवाही के निर्वहन के लिये सक्षम बनाने वाले नियमों में बदलाव अब उच्चतम न्यायालय की जांच के दायरे में आ गया है।

नयी दिल्ली। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) की एकल पीठ को न्यायिक कार्यवाही के निर्वहन के लिये सक्षम बनाने वाले नियमों में बदलाव अब उच्चतम न्यायालय की जांच के दायरे में आ गया है। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (कार्यप्रणाली एवं प्रक्रियाएं) संशोधन नियम, 2017 की वैधता को चुनौती देते हुए एनजीटी बार एसोसिएशन ने शीर्ष अदालत का रुख किया है। संशोधित नियम महज एकल सदस्यीय पीठ को भी न्यायिक कार्यवाही करने की इजाजत देते हैं।

बार संस्था ने कहा कि इससे पहले नियमों के मुताबिक यह अनिवार्य था कि मामलों में सुनवाई एवं फैसले के लिये एनजीटी पीठों में निश्चित रूप से दो सदस्य होने चाहिए। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा एवं न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर तथा न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़़ की पीठ संशोधित नियमों को चुनौती देने वाली बार संस्था की अर्जी पर 29 जनवरी को सुनवाई के लिये सहमत हुई।

एनजीटी बार एसोसिएशन की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने आरोप लगाया कि नियमों में बदलाव असंवैधानिक है और यह वापस लिये जाने के योग्य है। पिछले साल 19 दिसंबर को न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार के सेवानिवृत्त होने के बाद हरित पैनल के कामकाज की अगुवाई कार्यवाहक अध्यक्ष न्यायमूर्ति यू डी साल्वी कर रहे हैं। लेकिन इन पदों के लिये किसी की नियुक्ति नहीं होने के चलते इसकी नेतृत्व एवं क्षेत्रीय शाखाएं प्रभावित हो रही हैं।

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