D Raja: स्वतंत्रता संग्राम में वामपंथी आगे थे; भाजपा-आरएसएस की नहीं थी कोई भूमिका

इसकी 75वीं साल गिरह के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों का संदर्भ देते हुए राजा ने कहा, ‘‘इतिहास का यह विरोधाभास है कि भाजपा इस दिन को मना रही है, यहां तक भारत राष्ट्र समिति भी यह दिन मना रही है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव डी राजा ने रविवार को कहा कि देश के स्वतंत्रता संग्राम और हैदराबाद के निजाम शासन के खिलाफ वामंपथियों ने साहसिक भूमिका निभाई है।
उन्होंने साथ ही दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्ववर्ती जनसंघ, और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की आजादी की लड़ाई में कोई भूमिका नहीं है।
भाकपा द्वारा आयोजित एक सप्ताह के ‘तेलंगाना सशस्त्र संघर्ष’ समारोह के समापन के अवसर पर राजा ने कहा कि वामपंथियों द्वारा निभाई गई साहसिक भूमिका का उल्लेख किए बिना कोई आधुनिक भारत और तेलंगाना का इतिहास नहीं लिख सकता।
निजाम शासन के अधीन रहे हैदराबाद को ‘ऑपरेशन पोलो’ नामक एक पुलिस अभियान के बाद भारतीय संघ में मिला लिया गया था। ‘ऑपरेशन पोलो’ 17 सितंबर, 1948 को पूरा हुआ था।
इसकी 75वीं साल गिरह के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों का संदर्भ देते हुए राजा ने कहा, ‘‘इतिहास का यह विरोधाभास है कि भाजपा इस दिन को मना रही है, यहां तक भारत राष्ट्र समिति भी यह दिन मना रही है।
चाहे किसी भी नाम से इसे मनाया जाए लेकिन भाजपा की क्या भूमिका थी? भाजपा का पूर्ववर्ती जनसंघ है उसका वैचारिक गुरु आरएसएस है। उनकी हमारे देश की आजादी की लड़ाई में कोई भूमिका नहीं है।
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