ग्वालियर में दलित कार्यकर्ता को बेहरहमी से पीटा, जबरन पिलाया पेशाब

Gwalior Dalit social activist
सुयश भट्ट । Feb 28 2022 3:49PM

दलित आरटीआई एक्टिविस्ट शशिकांत जाटव को पंचायत में हुए भ्रष्टाचार की जानकारी आरटीआई के तहत मांगना महंगा पड़ गया।इस बात से नाराज सरपंच पति और पंचायत सचिव ने आरटीआई एक्टिविस्ट शशिकांत जाटव हो कमरे में बंद कर जमकर पीटा,आरोप तो यह भी है कि आरटीआई एक्टिविस्ट शशिकांत को आरोपियों ने जूते में भरकर पेशाब भी पिला दिया।

भोपाल। मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में एक ग्राम पंचायत से संबंधित जानकारी मांगने पर एक 33 वर्षीय दलित सूचना अधिकार (आरटीआई) कार्यकर्ता को 7 लोगों ने कथित तौर पर पीटा और पेशाब पीने के लिए मजबूर किया है।

जानकारी देते हुए कहा कि एक अधिकारी ने कहा कि यहां एक अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद गंभीर रूप से घायल शशिकांत जाटव को आगे के इलाज के लिए एम्स में भर्ती कराया गया है।पुलिस ने ये भी कहा कि 23 फरवरी को हुई इस घटना के बाद 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

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इस मामले में दलित संगठन और बहुजन समाज पार्टी लामबंद हो गए हैं। लिहाजा बीएसपी ने घटना के विरोध में एसपी ऑफिस के बाहर प्रदर्शन किया और एसएसपी अमित सांघी को आरोपियों के विरुद्ध धारा 307 के तहत मुकदमा दर्ज किए जाने उनके शस्त्र लाइसेंस निरस्त किए जाने और उनकी शीघ्र गिरफ्तारी की मांग की है।

हालांकि इस मामले में एसपी का कहना है कि दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है अन्य आरोपियों की तलाश जारी है मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद आरोपियों के खिलाफ अन्य धाराओं में भी मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

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अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने पीड़िता की शिकायत के हवाले से कहा कि जाटव ने पनिहार थाना क्षेत्र के बरही ग्राम पंचायत के बारे में आरटीआई के तहत जानकारी मांगी थी। और इस बात से नाराज बरही सरपंच के पति, पंचायत सचिव व अन्य ने 23 फरवरी को उन्हें ग्राम पंचायत कार्यालय बुलाया।

आपको बता दें कि पीड़ित को पहले एक कमरे में बंद कर दिया गया और फिर आरोपी ने कथित तौर पर बुरी तरह पीटा। जिसने उसके खिलाफ जातिवादी टिप्पणी भी की। अधिकारी ने यह भी कहा कि पीड़िता के अनुसार आरोपी ने उसे जूते से पेशाब पीने के लिए भी मजबूर किया।

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उन्होंने कहा कि जाटव को पहले यहां जयारोग्य अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। लेकिन फिर बाद में उन्हें आगे के इलाज के लिए दिल्ली के एम्स रेफर कर दिया गया। उन्होंने बताया कि पुलिस ने सात लोगों के खिलाफ हत्या और अपहरण के प्रयास और अनुसूचित जाति एवं जनजाति अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है।

उन्होंने कहा कि पीड़िता के बयान के बाद मामले में और दंडात्मक प्रावधान जोड़े जा सकते हैं। अधिकारी ने बताया कि सात आरोपियों की पहचान आशा कौरव, संजय कौरव, धामू, भूरा, गौतम, विवेक शर्मा और सरनाम सिंह के रूप में हुई है।

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