दलित युवक की मौत: मानवाधिकार आयोग ने भेजा योगी सरकार को नोटिस
पुलिस ने चोरी के एक प्रकरण में दलित युवक को 23 दिसंबर को गिरफ्तार किया था । युवक के परिजन का आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने उसे छोड़ने के लिए पांच लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी, जो वे नहीं दे सके।
लखनऊ। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने अमरोहा जिले के धनौरा मंडी थाने में हिरासत में एक दलित की मौत के प्रकरण में उत्तर प्रदेश सरकार को शुक्रवार को नोटिस भेजा। धनौरा मंडी थाने में 26 दिसंबर को पुलिस हिरासत के दौरान 30 वर्षीय दलित युवक की मौत से संबंधित मीडिया खबरों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए आयोग ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। आयोग ने स्पष्टीकरण मांगा कि पुलिस हिरासत में हुई उक्त मौत के बारे में आयोग को सूचित क्यों नहीं किया गया।
NHRC issues a notice to the Government of Uttar Pradesh over reported death of a Dalit man in police custody at Dhanora Mandi police station in Amroha. pic.twitter.com/ZzsD0lBMkL
— ANI UP (@ANINewsUP) December 28, 2018
पुलिस ने चोरी के एक प्रकरण में दलित युवक को 23 दिसंबर को गिरफ्तार किया था । युवक के परिजन का आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने उसे छोड़ने के लिए पांच लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी, जो वे नहीं दे सके। उसके बाद युवक को बर्बर यातना दी गयी। आयोग ने कहा कि अगर मीडिया खबरों में आयी बात सही है तो यह पीड़ित के मानवाधिकार का घोर उल्लंघन है। आयोग ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की रिपोर्ट में यह भी इंगित होना चाहिए कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति कानून एवं नियमों के तहत मृतक के परिजनों को कोई आर्थिक या अन्य राहत प्रदान की गयी या नहीं । मृतक के परिजन का आरोप है कि वे लोग एक विवाह में शामिल होने के बाद घर लौट रहे थे, उसी समय पुलिस ने युवक को उठा लिया। उसे बिना किसी शिकायत हवालात में रखा गया और कथित तौर पर यातना दी गयी।
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आयोग ने एक विज्ञप्ति में कहा कि संबंधित थाने के प्रभारी सहित 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है। अमरोहा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि एक इंस्पेक्टर और एक सब इंस्पेक्टर सहित छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ हिरासत में हत्या के आरोप में कार्रवाई की गयी। इंस्पेक्टर अरविन्द मोहन शर्मा, सब इंस्पेक्टर मनोज उपाध्याय, हेड कांस्टेबल रविन्द्र राणा तथा कांस्टेबल विनीत चौधरी, जितेन्द्र एवं विवेक पर गाज गिरी। एसपी ने बताया कि मृतक के रिश्तेदार जय प्रकाश की शिकायत पर छह पुलिसकर्मियों को अनुसूचित जाति एवं जनजाति :अत्याचार रोकथाम: कानून के तहत आरोपी बनाया गया। मृत व्यक्ति की पत्नी कुंती ने पति की हत्या का हर्जाना मांगा है। उसने उत्तर प्रदेश सरकार से खुद के लिए नौकरी भी मांगी है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर मृतक के गांव के लोगों के दिन भर के प्रदर्शन और ट्राफिक जाम के बाद पुलिस ने छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है। प्रदर्शनकारियों ने कई वाहन क्षतिग्रस्त कर दिये, जिसके बाद मौके पर पीएसी तैनात कर दी गयी।
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