उत्तराखंड में बारिश से जुड़ी घटनाओं में 42 और लोगों की मौत, केरल में खुले बांधों के गेट

Uttarakhand Rains

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने केरल के कोल्लम, अलप्पुझा और कासरगोड समेत राज्य के 11 जिलों के लिए बुधवार को ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है। इस चेतावनी का अर्थ है कि इलाके में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती हैं।

नयी दिल्ली|  उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों से मंगलवार को बारिश से जुड़ी घटनाओं में कम से कम 42 और लोगों की मौत हो जाने की खबर है, वहीं उत्तर प्रदेश में बारिश से जुड़ी घटनाओं में चार लोगों की मृत्यु हो गयी।

वहीं केरल में भारी बारिश की वजह से कई बांध भर गये हैं और कई जिलों को अलर्ट किया गया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोगों से न घबराने की अपील करते हुए कहा कि उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।

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उन्होंने चारधाम यात्रियों से फिर अपील की कि वे जहां हैं, वहीं रुक जाएं और मौसम में सुधार होने से पहले अपनी यात्रा शुरू न करें। उन्होंने चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों के जिला मजिस्ट्रेट से चारधाम यात्रा मार्ग पर फंसे हुए तीर्थयात्रियों की खासतौर से देखभाल करने का निर्देश दिया।

पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) निलेश आनंद भारने ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘कुमाऊं क्षेत्र में ही मरने वालों की संख्या 40 से अधिक हो गई है।’’ उत्तराखंड में सोमवार को पांच लोगों की मौत हो गई थी। अधिकारी ने बताया कि इन 42 मौतों में से 28 लोग नैनीताल जिले में मारे गए, छह-छह लोगों की मौत अल्मोड़ा एवं चंपावत जिलों में, एक-एक व्यक्ति की मौत पिथौरागढ़ और उधम सिंह नगर जिले में हुई है।

मुख्यमंत्री धामी ने वर्षा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया और प्रभावित लोगों से बातचीत किया ताकि क्षति का आकलन किया जा सके। उन्होंने राज्य में पिछले दो दिनों में वर्षाजनित घटनाओं में मारे गए लोगों के परिजन को चार-चार लाख रुपये मुआवजा देने की भी घोषणा की।

कुमाऊं के बारिश प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने मुख्यमंत्री धामी के साथ गये उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि नैनीताल में काठगोदाम और लालकुआं तथा उधमसिंह नगर के रुद्रपुर में सड़कें, पुल और रेलवे पटरियां क्षतिग्रस्त हो गयी हैं। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि क्षतिग्रस्त पटरियों की मरम्मत में कम से कम चार से पांच दिन लगेंगे।

राज्य में राहत और बचाव अभियानों में मदद के लिए भारतीय वायु सेना के तीन हेलीकॉप्टर पहुंच गये हैं। इनमें से दो को नैनीताल जिले में तैनात किया गया है जो बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। कई भूस्खलनों के कारण नैनीताल तक जाने वाली तीन सड़कों के अवरुद्ध होने की वजह से इस लोकप्रिय पर्यटक स्थल का राज्य के बाकी हिस्सों से संपर्क टूट गया है।

गुजरात के राजस्व मंत्री राजेंद्र त्रिवेदी ने बताया कि एक अनुमान के मुताबिक राज्य के विभिन्न हिस्सों से चारधाम की यात्रा के लिए उत्तराखंड गये करीब 100 श्रद्धालु भारी बारिश और भूस्खलन के कारण वहां फंस गये हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने उत्तराखंड के बाढ़ प्रभावित इलाकों से 300 से अधिक लोगों को बचाया है।

एनडीआरएफ ने राज्य में 15 दल तैनात किये हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु समेत देश के अन्य हिस्सों से भी बारिश की खबरें हैं। उसने पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में बुधवार तक तेज बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त किया है, वहीं अगले चार-पांच दिन दक्षिण प्रायद्वीपीय क्षेत्र में भी भारी बारिश के आसार हैं।

राष्ट्रीय राजधानी में अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली के पश्चिमी भाग में स्थित प्रोफेसर जोगिंदर सिंह मार्ग पर सड़क धंसने के बाद रास्ता बंद कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश में फतेहपुर जिले के हथगाम थाना क्षेत्र में तेज बारिश के दौरान दीवार ढहने से सास-बहू की मौके पर मौत हो गई। प्रदेश के बरेली जिले में भी बीसलपुर रोड पर दो श्रमिकों की सोलर पैनल के संपर्क में आने के बाद करंट लगने से मौत हो गयी।

मौसम विभाग ने कहा कि पश्चिम बंगाल में बृहस्पतिवार सुबह तक भारी बारिश जारी रहने के आसार हैं। हालांकि, राज्य के दक्षिणी हिस्से में गंगा घाटी के ऊपर बना निम्न दबाव का क्षेत्र बिहार की ओर स्थानांतरित हो गया है। मौसम विभाग के अधिकारियों ने बुधवार सुबह तक दार्जिलिंग, कलिम्पोंग और अलीपुरद्वार में अत्यधिक भारी वर्षा होने तथा सभी उप-हिमालयी जिलों में बृहस्पतिवार तक बारिश होने की चेतावनी दी है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने केरल के कोल्लम, अलप्पुझा और कासरगोड समेत राज्य के 11 जिलों के लिए बुधवार को ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है। इस चेतावनी का अर्थ है कि इलाके में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती हैं। राज्य में इडुक्की जलाशय के तहत आने वाले चेरुथोनी बांध के द्वार मंगलवार को खोल दिये गये ताकि अगले दो दिन इसके जलग्रहण क्षेत्र में भारी बारिश के पूर्वानुमान को देखते हुए इसकी जल भरने की क्षमता को बढ़ाया जा सके।

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इससे पहले जलाशय में जलस्तर में वृद्धि तथा आने वाले दिनों में और बारिश के अनुमान के मद्देनजर इदामलयार और पम्पा बांधों के द्वार मंगलवार को तड़के खोल दिए गए।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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