बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण करने पहुंचे नीतीश, अबतक 42 लोगों की मौत

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[email protected] । Oct 2 2019 10:14AM

भारी वर्षा से मरने वाले 42 लोगों में भागलपुर में दस, गया में छह, पटना एवं कैमूर में चार-चार, खगड़िया एवं भोजपुर में तीन-तीन, बेगूसराय, नालंदा एवं नवादा में दो-दो, पूर्णिया, जमुई, अरवल, बांका, सीतामढी एवं कटिहार में एक-एक व्यक्ति शामिल हैं।

पटना। बिहार में पिछले तीन दिनों से जारी मूसलाधार बारिश के कारण जनजीवन के अस्तव्यस्त होने के बीच अनेक हादसों में अब तक 42 लोगों की जान जा चुकी है तथा 9 अन्य व्यक्ति घायल हुए हैं। आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने मंगलवार को बताया कि अत्याधिक बारिश के कारण 42 लोगों के मारे जाने और नौ लोगों के घायल होने की सूचना है। भारी वर्षा से मरने वाले 42 लोगों में भागलपुर में दस, गया में छह, पटना एवं कैमूर में चार-चार, खगड़िया एवं भोजपुर में तीन-तीन, बेगूसराय, नालंदा एवं नवादा में दो-दो, पूर्णिया, जमुई, अरवल, बांका, सीतामढी एवं कटिहार में एक-एक व्यक्ति शामिल हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को पटना के जलमग्न हो गए इलाकों का निरीक्षण किया और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।

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पटना के एक अणे मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास से गांधी मैदान होते हुये नीतीश ने मंगलवार को शहर के जलजमाव वाले क्षेत्रों का मुआयना किया। मुख्यमंत्री ने श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में चलाये जा रहे आपदा राहत बचाव कार्य के लिये राहत सामग्री आपूर्ति, भंडारण, पैकेटिंग एवं निर्गत केन्द्र का जायजा लिया। उन्होंने इसके पश्चात सैदपुर के जलजमाव वाले क्षेत्रों का जायजा लिया और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। निरीक्षण के उपरांत मुख्यमंत्री ने जलभराव से प्रभावित क्षेत्रों के लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्यायें सुनी तथा उनके निदान के लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने जल निकासी के कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया।

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बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सचिवालय स्थित अपने कार्यालय कक्ष में मंत्रियों, स्थानीय विधायकों व पटना नगर निगम, बुडको तथा नगर विकास विभाग के आला अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक कर जलमग्न इलाकों में उच्च क्षमता के पम्प लगा कर जमे हुए पानी में अगले 48 घंटे में उल्लेखनीय कमी लाने का निर्देश दिया। उन्होंने बताया कि कोल इंडिया, एनटीपीसी और कल्याणपुर सीमेंट से मंगाए गए उच्च क्षमता के पम्पों के जरिए कंकड़बाग और राजेन्द्र नगर जैसे सर्वाधिक प्रभावित इलाकों से पानी को निकाला जायेगा। बैठक में अन्य अलग-अलग मुहल्लों में जमे पानी को 50 नए पम्पों के जरिए युद्ध स्तर पर निकालने के साथ ही जल संसाधन विभाग से भी पम्प मंगाने का निर्णय लिया गया।

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