Delhi B-school ने आईआईपीएम के अरिंदम चौधरी पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया

Arindam Chowdhary
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आईआईपीएम ने हालांकि इन आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि वह मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा दायर प्राथमिकी को रद्द कराने के लिए अदालत का रुख करेगा। दिल्ली पुलिस ने आईएमएम की शिकायत के आधार पर एक स्थानीय अदालत के निर्देश पर चौधरी एवं उनके सहयोगियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।

नयी दिल्ली। ‘दिल्ली स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ मार्केटिंग एंड मैनेजमेंट’ (आईएमएम) ने आरोप लगाया है कि ‘इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ प्लानिंग एंड मैनेजमेंट’ (आईआईपीएम) ने एक दाखिला समझौता का उल्लंघन कर उससे धोखाधड़ी की, उसके नाम का गलत इस्तेमाल किया और 2011 से 2014 के बीच करोड़ों रुपये एकत्रित किए। आईआईपीएम ने हालांकि इन आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि वह मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा दायर प्राथमिकी को रद्द कराने के लिए अदालत का रुख करेगा। दिल्ली पुलिस ने आईएमएम की शिकायत के आधार पर एक स्थानीय अदालत के निर्देश पर चौधरी एवं उनके सहयोगियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।

प्राथमिकी के अनुसार आईएमएम ने अगस्त 2011 में कुतुब औद्योगिक क्षेत्र में आईआईपीएम को अपने परिसर का पूरा पांचवा तल और चौथे तल का पिछला हिस्सा पट्टे पर दिया था। इसके बाद दोनों संस्थानों ने प्रबंधन परामर्श समझौता किया। आईएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष गगनजीत सिंह ने आरोप लगाया कि समझौते के तुरंत बाद आईआईपीएम ने पट्टे की किराए की राशि का भुगतान करना बंद कर दिया। सिंह मुख्य शिकायतकर्ता हैं। उन्होंने दावा किया कि लीज विवाद जारी रहने के बीच 2020 में उन्हें पता चला कि आईआईपीएम ने उस दौरान आईएमएम के समान आईआईएमएम नामक एक संगठन बनाया जिसने छात्रों को यह दर्शाया कि उनका दाखिला आईएमएम में किया जा रहा है और इस तरह छात्रों से पैसे लिए गए।

संपर्क करने पर आईआईपीएम ने इन सभी आरोपों का दृढ़ता से खंडन किया और कहा कि आईएमएम को इन सभी गतिविधियों की जानकारी थी क्योंकि सब कुछ समझौते की शर्तों के तहत हुआ था। वकील विशाल गुप्ता ने सभी पहलुओं पर दृढ़ता से खंडन के साथ मसौदा याचिका की एक प्रति साझा करते हुए कहा, ‘‘हमलोग प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध करने के लिए एक या दो दिन में दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख करेंगे क्योंकि यह अनुचित है तथा इसमें कोई गुण-दोष नहीं है।’’

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अपनी शिकायत में आईआईएम ने आरोप लगाया है कि आईआईपीएम के कर्मचारियों ने खुद को आईआईएम के कर्मचारी बताते हुए छात्रों को दाखिला दिया। प्राथमिकी में यह भी आरोप लगाया गया है कि दाखिला प्रक्रिया के लिए आईएमएम के लैटरहेड का उपयोग किया गया। आईआईएम का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील अर्जुन महाजन ने कहा कि जब एक छात्र ने फर्जी प्रवेश प्रक्रिया को लेकर उपभोक्ता अदालत में शिकायत की और अदालत ने आईएमएम को पेश होने के लिए नोटिस भेजा तब इस पूरी ‘‘जालसाजी’’ की जानकारी मिली।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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