घायलों को अस्पताल ले जाने पर ईनाम देगी दिल्ली सरकार

[email protected] । Aug 11 2016 5:00PM

सरकार ने आज कहा कि वह जल्द ही एक योजना का ऐलान करेगी जिसके तहत पीड़ितों को अस्पताल ले जाने वाले लोगों तथा टैक्सी और ऑटो रिक्शा चालकों को ईनाम दिया जाएगा।

पश्चिम दिल्ली में अधिक खून बहने की वजह से एक सुरक्षा गार्ड की मौत होने के बाद दुर्घटना पीड़ितों के प्रति लोगों की उदासीनता एक बार फिर सामने आने पर नगर सरकार ने आज कहा कि वह जल्द ही एक योजना का ऐलान करेगी जिसके तहत पीड़ितों को अस्पताल ले जाने वाले लोगों तथा टैक्सी और ऑटो रिक्शा चालकों को ईनाम दिया जाएगा। दिल्ली के गृहमंत्री सतेंद्र जैन ने कहा कि सरकार ने योजना का प्रारूप तैयार कर लिया है जिसमें राष्ट्रीय राजधानी में सड़क हादसों के पीड़ितों को तुरंत सहायता सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा। प्रारूप इस महीने के अंत तक कैबिनेट के सामने रखा जाएगा और फिर उपराज्यपाल नजीब जंग के पास उनकी मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।

पश्चिम दिल्ली के सुभाष नगर इलाके में एक तेज रफ्तार डिलीवरी वैन ने 35 वर्षीय एक सुरक्षा गार्ड को टक्कर मार दी थी और कोई भी राहगीर एक घंटे तक उसकी मदद करने के लिए नहीं आया, जिस वजह से सड़क पर ही उसकी मौत हो गई, जबकि एक रिक्शा चालक मृतक का मोबाइल फोन चुरा ले गया। इस घटना के एक दिन बाद सरकार ने यह कदम उठाया है। पूरी घटना सुभाष नगर इलाके में मेराज सिनेमा के पास लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई, जहां गार्ड मतीबुल को अहले सुबह एक डिलीवरी वैन ने टक्कर मारी थी। जैन ने कहा, ''यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि कोई भी उसकी मदद करने के लिए आगे नहीं आया। सरकार ने एक प्रोत्साहन योजना तैयार की है जिसके तहत टैक्सी और ऑटो चालकों सहित जो लोग सड़क हादसे के पीड़ितों को अस्पताल लेकर जाएंगे उन्हें ईनाम दिया जाएगा।’’

जैन ने यह भी कहा कि इस बाबत एक कैबिनेट नोट तैयार कर लिया गया है। प्रस्ताव को इस महीने के अंत तक दिल्ली कैबिनेट के समकक्ष रखा जाएगा और इसके बाद राष्ट्रीय राजधानी में इसे लागू करने के लिए उपराज्यपाल के पास उनकी अंतिम मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। जैन ने कहा कि आमतौर पर लोग सड़क हादसों के पीड़ितों को पास के अस्पताल लेकर नहीं जाते हैं। उन्हें डर होता है कि पुलिस उनसे पूछताछ कर सकती है। उन्होंने कहा, ''उच्चतम न्यायालय के निर्देश भी हैं कि ऐसे लोग जो दुर्घटना पीड़ितों की मदद करते हैं उनका उत्पीड़न या पूछताछ नहीं की जा सकती है। मैं लोगों से अपील करता हूं कि उनकी मदद करें क्योंकि किसी की जान बचाना एक पवित्र काम है।’’

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