दिल्ली HC ने जज के अश्लील वीडियो के प्रसार पर लगाई रोक, जानें क्या है पूरा मामला
LiveLaw की रिपोर्ट के अनुसार न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने "अपमानजनक वीडियो को साझा करने, वितरण करने, फॉरवर्ड करने या पोस्ट करने पर रोक लगा दी है। तत्काल उल्लेख किए जाने के बाद मामले की सुनवाई की गई।
दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र और मीडिया प्लेटफॉर्म को निचली अदालत के एक जज से जुड़े कामुक वीडियो के सर्कुलेशन पर रोक लगाने का आदेश दिया है। LiveLaw की रिपोर्ट के अनुसार न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने "अपमानजनक वीडियो को साझा करने, वितरण करने, फॉरवर्ड करने या पोस्ट करने पर रोक लगा दी है। तत्काल उल्लेख किए जाने के बाद मामले की सुनवाई की गई। तब तक सोशल मीडिया पर एक वीडियो कई बार शेयर किया जा चुका था, जिसमें एक जज को एक महिला के साथ दिखाया गया था, जिसे उसकी सहयोगी के रूप में पहचाना गया था। यशवंत शर्मा की बेंच ने आदेश में कहा कि वादी को इससे भारी नुकसान की आशंका को देखते हुए मामले में तत्काल सुनवाई की गई।
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जबकि LiveLaw ने रिपोर्ट किया है कि अदालत ने वादी की पहचान को छिपाने के लिए एक प्रार्थना की अनुमति दी है, कुछ समाचार आउटलेट्स ने उल्लेख किया है कि किसने व्यक्ति का नाम लिए बिना इसे दायर किया है। वादी ने बंद कमरे में कार्यवाही की भी मांग की है। वीडियो कंटेंट को देखने के बाद जस्टिस वर्मा ने कहा कि पहली नजर में आईपीसी की धारा 354सी और इंफार्मेशन एंड टेक्नोलॉजी एक्ट 2000 की धारा 67ए के प्रावधानों का उल्लंघन होता दिख रहा है। अगर इस वीडियो को सर्कुलेट या वितरित होने से नहीं रोका गया।
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इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, वीडियो कथित तौर पर इस साल की शुरुआत में मार्च में रिकॉर्ड किया गया था। इस आदेश की अनुपालन रिपोर्ट सील कवर में देने का निर्देश है। मामले में अगली सुनवाई 9 दिसंबर को होगी
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