नीतीश कटारा हत्याकांड के दोषी विकास यादव की पैरोल याचिका दिल्ली हाईकोर्ट ने ठुकराई

Nitish

दिल्ली हाईकोर्ट ने नीतीश कटारा हत्याकांड में दोषी विकास यादव को अपनी बीमार मां की देखभाल करने के लिए पैरोल देने से इनकार कर दिया है। उच्च न्यायालय ने कहा कि ऐसा नहीं है कि यादव की मां चल-फिर नहीं सकतीं जैसा कि बताया गया है और उनकी देखभाल करने के लिए कई रिश्तेदार हैं।

नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2002 के नीतीश कटारा हत्या मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे विकास यादव की पेरोल याचिका खारिज कर दी है। यादव ने इस आधार पर पैरोल मांगी थी कि उसे अपनी बीमार मां की देखभाल करनी है क्योंकि उनकी देखभाल करने वाला कोई और नहीं है। उच्च न्यायालय ने कहा कि ऐसा नहीं है कि यादव की मां चल-फिर नहीं सकतीं जैसा कि बताया गया है और उनकी देखभाल करने के लिए कई रिश्तेदार हैं। न्यायमूर्ति विभू बाखरू ने इस बात पर भी विचार किया कि अभियोजन के मुख्य गवाह अजय कटारा और मृतक की मां नीलम कटारा ने यादव की रिहाई पर गंभीर आपत्ति जताई है क्योंकि उन्हें अपनी सुरक्षा को खतरा है। 

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न्यायाधीश ने कहा, ‘‘याचिका में जो आग्रह किया गया है उसे यह अदालत नहीं मान सकती।’’ उच्च न्यायालय ने कहा कि दिल्ली सरकार ने 26 जून को यादव की पेरोल याचिका पर आपत्ति जताई थी जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। यादव ने इस आधार पर पेरोल की मांग की कि उसे अपनी मां की देखभाल करनी है, जो बताया जाता है कि रीढ़ की हड्डी की समस्या से ग्रस्त हैं और उन्हें थायरायड तथा अवसाद भी है। उसने दावा किया कि 18 वर्षों से अधिक समय से जेल में बंद रहने के कारण वह मानसिक आघात से भी पीड़ित है और परिवार के सदस्यों तथा पारिवारिक एवं सामाजिक संबंध बनाए रखने के लिए उसे पैरोल की जरूरत है। उच्च न्यायालय ने कहा कि कॉल डिटेल रिकॉर्ड से पता चलता है कि उसकी मां खूब यात्रा कर रही हैं और कई बार उन्होंने दिल्ली से गाजियाबाद सहित उत्तरप्रदेश के विभिन्न हिस्सों की यात्रा की है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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