विपक्षी दलों की मांग, जामिया में छात्रों पर पुलिस कार्रवाई की हो न्यायिक जांच

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[email protected] । Dec 16 2019 3:03PM

आजाद ने कहा कि पूरा देश इस असंवैधानिक कानून के खिलाफ है और भाजपा का यह आरोप बिल्कुल निराधार है कि छात्रों के बीच असंतोष के पीछे कांग्रेस का हाथ है। येचुरी ने छात्रों के खिलाफ हुई कार्रवाई को लोकतंत्र में अस्वीकार्य बताया।

नयी दिल्ली। कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी राजनीतिक दलों ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्रों के खिलाफ पुलिस की ‘‘बर्बरता’’ की सोमवार को निंदा की और घटना की न्यायिक जांच की मांग की। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, माकपा नेता सीताराम येचुरी और भाकपा नेता डी राजा ने संवाददाता सम्मेलन में उन छात्रों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की निंदा की जो संशोधित नागरिकता कानून का विरोध कर रहे थे।

आजाद ने कहा, ‘‘हम जामिया मिल्लिया में पुलिस के घुसने और छात्रों पर बल प्रयोग किए जाने की निंदा करते हैं।’’ उन्होंने सवाल किया, ‘‘जब विश्वविद्यालय प्रशासन ने अनुमति नहीं दी, तो दिल्ली पुलिस जामिया में कैसे घुस गई।’’ आजाद ने सवाल किया कि पुलिस जामिया के पुस्तकालय और शौचालयों में कैसे घुस सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘हम जामिया में दिल्ली पुलिस की कार्रवाई की न्यायिक जांच की मांग करते हैं।’’

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आजाद ने कहा कि पूरा देश इस असंवैधानिक कानून के खिलाफ है और भाजपा का यह आरोप बिल्कुल निराधार है कि छात्रों के बीच असंतोष के पीछे कांग्रेस का हाथ है। इस दौरान येचुरी ने छात्रों के खिलाफ हुई कार्रवाई को लोकतंत्र में अस्वीकार्य बताया और कहा कि संशोधित नागरिकता कानून को धर्म से नहीं जोड़ा जा सकता और यह हिंदू-मुसलमान का मामला नहीं है। डी राजा ने सवाल किया कि दिल्ली पुलिस केंद्र के अधीन आती है, तो जामिया के छात्रों पर बल प्रयोग को लेकर गृह मंत्री अमित शाह की क्या प्रतिक्रिया है।

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