मेरठ में बढ़ा डेंगू का प्रकोप, मचा हड़कंप, प्रशासन अलर्ट

 डेंगू की पुष्टि हुई
Rajeev Sharma । Aug 26 2021 11:27AM

जिले में दो मरीज़ मिलने के बाद स्वस्थ महकमे में हड़कंप का माहौल है, ऐस में मलेरिया विभाग ने भी इन बीमारियों की रोकथाम की पूरी कवायद शुरु कर दी है।

मेरठ। बरसात के मौसम में मच्छर जनित बीमारियों का खतरा दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया जैसी बीमारियों को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट भी जारी किया है। अधिकारियों के अनुसार जरा सी लापरवाही परेशानी का सबब बन सकती है।जिले में दो मरीज़ मिलने के बाद स्वस्थ महकमे में हड़कंप का माहौल है, ऐस में मलेरिया विभाग ने भी इन बीमारियों की रोकथाम की पूरी कवायद शुरु कर दी है। 

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जिले में वायरल के साथ ही डेंगू का खतरा मंडारने लगा है। कैंट अस्पताल में लालकुर्ती के रहने वाले युवक और जानी के कुराली गांव की महिला को डेंगू की पुष्टि हुई है। जिले में डेंगू के दो पॉजिटिव केस मिलने से हड़कप मच गया है। अब जिले में डेंगू पॉजिटिव मरीजों की संख्या दो हो गई है। इसके अलावा मलेरिया के मरीज जांच में लगातार पॉजिटिव आ रहे है। मंडलीय सर्विलांस अधिकारी डॉ. अशोक तालियान ने बताया मच्छर जनित रोगों की रोकथाम के लिए घर, बाहर पानी जमा ना होने दे। कूलर, एसी, पानी की टंकी ऐसे स्थान स्थानों पर पानी जमा होने से मच्छर जनित रोगों के फैलने का खतरा बढ़ गया है। बचाव के लिए पूरी आस्तीन के कपड़े पहने, मच्छरों को मारने के मॉस्कीटो मैट का प्रयोग करें। सरकारी अस्पताल स्वास्थ्य केंद्रों पर डेंगू, मलेरिया, चिकिन गुनिया समेत अन्य मच्छर जनित रोगियों के लिए मच्छरदानी वार्ड, इलाज के दवा, जांच समेत अन्य सभी संसाधन मौजूद है। मच्छर जनित रोगों का समय से इलाज, रोकथाम करना जरुरी है।

सीएमओ डॉ। अखिलेश मोहन ने बताया कि इस मौसम में अगर बुखार होता है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है। मच्छर के काटने के बाद अगर 4 से 7 दिनों तक बुखार, आंखों और सिर में दर्द, जी मिचलाना, पेट में दर्द, त्वचा पर लाल रैशेज़ और मांसपेशियों में दर्द आदि की शिकायत होती है। ब्लड प्लेटलेट्स काउंट तेजी से गिरने लगते हैं। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। ऐसी स्थिति में लापरवाही कतई न बरतें।

सीएमओ ने बताया कि ऐसे लोग जो कोरोना से ठीक हुए हैं उनमें डेंगू का खतरा अधिक है। इम्यून सिस्टम कमजोर होने की वजह से इनमें डेंगू की आशंका अधिक होती है। बच्चों और बुजुर्गो की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने की वजह से उन्हें भी इन बीमारियों का खतरा अधिक होता है। 

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जिला मलेरिया अधिकारी बताते हैं कि डेंगू के लिए कोई विशेष दवा उपलब्ध नहीं है। डॉक्टर्स बुखार और दर्द को नियंत्रित करने के लिए दवा देते हैं। शरीर को हाइड्रेट रखना डेंगू नियंत्रित करने का सबसे कारगर तरीका है। पानी और जूस जैसे तरल पदार्थो का पर्याप्त मात्रा में सेवन करने से मरीज की सेहत में तेजी से सुधार होता है। ऐसी स्थिति में पर्याप्त मात्रा में स्वच्छ पानी पीना चाहिए। गंभीर लक्षणों वाले मरीजों को अस्पताल में एडमिट कराने की जरूरत होती है। अत्यधिक गंभीर मामले में पीडि़त व्यक्ति को इंट्रावेनस फ्लूड या इलेक्ट्रोलाइट सप्लीमेंट दिया जाता है। कुछ मामलों में ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग और प्लेटलेट्स ट्रांस्फ्यूजन द्वारा भी उपचार किया जाता है।

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