दिग्विजय ने रघुपति राघव राजाराम से की कार्यक्रम की शुरूआत, बीजेपी ने गांधीगीरी के नाम पर पाखंड करार दिया

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[email protected] । Oct 10 2019 5:36PM

दिग्विजय के कार्यालय से उनके सावर्जनिक कार्यक्रमों को लेकर जारी होने वाले आधिकारिक सूचना पत्र में यह भी कहा जा रहा है कि संबंधित आयोजन में इस भजन को बजाये जाने के बाद सभी श्रोता अपने स्थान पर बैठे हुए अपनी-अपनी आस्था के अनुसार अथवा अपने आराध्य या महापुरुष का स्मरण करते हुए एक मिनट का मौन रखेंगे। इसके बाद ही कार्यक्रम विधिवत प्रारंभ होगा। इस चार सूत्रीय फेहरिस्त में यह बात भी शामिल है कि कार्यक्रम के दौरान दिग्विजय का स्वागत केवल एक व्यक्ति करेगा और इसके लिये फूलों की माला या गुलदस्ते के बजाय महात्मा गांधी की विचारधारा के अनुरूप सूत की माला का इस्तेमाल किया जा सकता है।

इंदौर। महात्मा गांधी के 150वीं जयंती वर्ष में वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह की ओर से उनके मुख्य आतिथ्य वाले मंचीय कार्यक्रमों के आयोजकों के लिये विशेष अनुरोध जारी किये जा रहे हैं। इनमें यह बात अहम है कि 72 वर्षीय राज्यसभा सांसद की खास मौजूदगी वाले कार्यक्रमों की शुरूआत बापू के प्रिय भजन  रघुपति राघव राजाराम..  से की जायेगी।  दिग्विजय के कार्यालय से जारी होने वाले उनके दौरा कार्यक्रमों में भी इन  अनुरोधों  का स्पष्ट जिक्र किया जा रहा है। आयोजकों से अनुरोध किया जा रहा है  कार्यक्रम के प्रारंभ में गांधीजी के प्रिय भजन  रघुपति राघव राजाराम, ईश्वर-अल्लाह तेरे नाम  के गायन का प्रबंध करें। यदि गायक न मिलें, तो यूट्यूब से उक्त भजन को डाउनलोड कर उसे बजाने का प्रबंध किया जा सकता है।

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दिग्विजय के कार्यालय से उनके सावर्जनिक कार्यक्रमों को लेकर जारी होने वाले आधिकारिक सूचना पत्र में यह भी कहा जा रहा है कि संबंधित आयोजन में इस भजन को बजाये जाने के बाद सभी श्रोता अपने स्थान पर बैठे हुए अपनी-अपनी आस्था के अनुसार अथवा अपने आराध्य या महापुरुष का स्मरण करते हुए एक मिनट का मौन रखेंगे। इसके बाद ही कार्यक्रम विधिवत प्रारंभ होगा। इस चार सूत्रीय फेहरिस्त में यह बात भी शामिल है कि कार्यक्रम के दौरान दिग्विजय का स्वागत केवल एक व्यक्ति करेगा और इसके लिये फूलों की माला या गुलदस्ते के बजाय महात्मा गांधी की विचारधारा के अनुरूप सूत की माला का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके साथ ही, वह कार्यक्रम के दौरान मंच पर नहीं बैठेंगे और मंच पर तभी पहुंचेंगे जब उन्हें वक्ता के रूप में वहां बुलाया जायेगा।

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मध्यप्रदेश कांग्रेस समिति के सचिव सुवेग राठी ने पूर्व मुख्यमंत्री के कार्यालय से जारी इन अनुरोधों की  पीटीआई-भाषा  से बृहस्पतिवार को पुष्टि की। दिग्विजय के समर्थकों में शुमार राठी ने कहा,  ये अनुरोध महात्मा गांधी के 150वीं जयंती वर्ष के मद्देनजर जारी किये गये हैं। इनका मकसद दिग्विजय द्वारा बापू के विचारों का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करना है। उधर, भाजपा ने दिग्विजय की इस कवायद को  पाखंड  करार देते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा है। प्रदेश भाजपा प्रवक्ता उमेश शर्मा ने कहा,  कांग्रेस की सरकारों ने भारत भर में कई सड़कों के नाम तो महात्मा गांधी के नाम पर रख दिये। लेकिन देश की आजादी के बाद कांग्रेस नेता बापू के दिखाये मार्ग पर कभी नहीं चले।  उन्होंने कहा,  अब भाजपा बापू की विरासत को देश-दुनिया में आगे बढ़ा रही है, तो इससे बौखलाये दिग्विजय गांधीगीरी के नाम पर पाखंड कर रहे हैं। 

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