दिग्विजय सिंह ने आजाद के इस्तीफे पर कहा- कांग्रेस ने उन्हें सब कुछ दिया

Digvijay Singh
प्रतिरूप फोटो
ANI

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें वरिष्ठ सहयोगी गुलाम नबी आजादी के कांग्रेस से इस्तीफे से दुख हुआ है। सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने आजाद को सब कुछ दिया। सिंह ने कहा कि पांच दफा राज्यसभा में भेजने सहित उन्हें केंद्रीय मंत्री और जम्मू कश्मीर का मुख्यमंत्री भी बनाया।

भोपाल। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें वरिष्ठ सहयोगी गुलाम नबी आजादी के कांग्रेस से इस्तीफे से दुख हुआ है। सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने आजाद को सब कुछ दिया। सिंह ने कहा कि पांच दफा राज्यसभा में भेजने सहित उन्हें केंद्रीय मंत्री और जम्मू कश्मीर का मुख्यमंत्री भी बनाया। उन्होंने कहा कि आजाद (73) ने ऐसे समय कांग्रेस से इस्तीफा दिया है जब पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी विदेश में उपचार करा रही हैं। राज्यसभा सदस्य सिंह ने कहा कि कांग्रेस में असंतुष्ट समूह ‘जी23’ के प्रमुख सदस्य आजाद को अपने दशकों लंबे राजनीतिक सफर के दौरान पार्टी से बहुत कुछ मिला।

सिंह ने एक बयान में कहा, ‘‘मैंने और गुलाम नबी आजाद ने एक ही समय में राजनीति में प्रवेश किया। वह जम्मू-कश्मीर में 1977 का विधानसभा चुनाव हार गए और उनकी जमानत जब्त हो गई। हम एक ही उम्र के हैं और हमारे बीच अच्छे संबंध आज भी हैं लेकिन मैं उनके इस फैसले से आहत हूं।’’ सिंह ने कहा, ‘‘पार्टी ने उन्हें सब कुछ दिया, वह जम्मू-कश्मीर से जीतने में असमर्थ थे, इसलिए उन्हें महाराष्ट्र से मैदान में उतारा गया। दो दफा वह लोकसभा में चुने गए और पांच बार राज्यसभा के लिए भेजे गए।’’ आजाद ने शुक्रवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता समेत सभी पदों से इस्तीफा दे दिया तथा नेतृत्व पर आंतरिक चुनाव के नाम पर पार्टी के साथ बड़े पैमाने पर ‘धोखा’ करने का आरोप लगाया।

सिंह ने कहा कि आजाद ने कांग्रेस छोड़ने का फैसला ऐसे समय किया जब पार्टी अध्यक्ष विदेश में उपचार करा रही हैं। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आपसे यह उम्मीद नहीं थी।’’ सिंह ने कहा कि पार्टी से इतना कुछ मिलने के बावजूद आजाद कहते हैं कि जब राहुल गांधी ने 2013 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश की प्रति को फाड़ दिया तो उन्हें दुख हुआ। यह अध्यादेश यूपीए सरकार द्वारा सजायाफ्ता सांसदों और विधायकों को अयोग्य ठहराने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को नकारने के लिए लाया गया था।

सिंह ने कहा, ‘‘यदि आपको इतनी समस्या (राहुल गांधी के व्यवहार से) थी तो आप 2014 में राज्यसभा में विपक्ष के नेता क्यों बने? आपने उस समय कैबिनेट से इस्तीफा क्यों नहीं दिया? यह फालतू बहाने बनाना बंद करें... ऐसा लगता है कि आपने उन लोगों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बना लिए हैं जिन्होंने अनुच्छेद 370 (जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने वाला अनुच्छेद) को निरस्त किया।’’ सिंह ने आजाद की उस टिप्पणी के लिए भी आलोचना की जिसमें उन्होंने ‘भारत जोड़ो’ के बजाय ‘कांग्रेस जोड़ो’ पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया है।

पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने कहा, ‘‘आपने (इस्तीफे में) लिखा है कि कांग्रेस को एकजुट करने की जरूरत है, भारत को नहीं। लेकिन एकजुट होने के बजाय आप कांग्रेस पार्टी को तोड़ने में शामिल हैं और मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं।’’ कांग्रेस ने कहा है कि उसका जन संपर्क कार्यक्रम- ‘भारत जोड़ो यात्रा’ 7 सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू होगी और कश्मीर में समाप्त होने से पहले एक दर्जन राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों के माध्यम से लगभग 3,500 किलोमीटर की दूरी तय करेगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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