निराशाजनक है उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की कमी: सलमान खुर्शीद
पूर्व केंद्रीय विधि मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की कमी निराशाजनक है और उन्होंने जल्द से जल्द मुद्दे के समाधान के लिए कदम उठाने का आह्वान किया।
नयी दिल्ली। पूर्व केंद्रीय विधि मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की कमी निराशाजनक है और उन्होंने जल्द से जल्द मुद्दे के समाधान के लिए कदम उठाने का आह्वान किया। खुद भी वरिष्ठ वकील खुर्शीद ने कहा कि न्याय के अधिकार को स्वच्छ भारत कार्यक्रम की तरह तवज्जो मिलनी चाहिए और न्यायिक तंत्र में ‘‘कुछ बुनियादी दोष है।’’
बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित ‘द रूल ऑफ लॉ कन्वेंशन 2018 ऑन जुडिशियल रिफॉर्म्स’ सम्मेलन में उन्होंने कहा, ‘‘हमारे यहां शीर्ष पर स्थिर अपीलीय न्यायपालिका नहीं है। कई प्रधान न्यायाधीशों का कार्यकाल बहुत छोटा होता है।’’ खुर्शीद ने उच्च न्यायपालिका में रिक्तियों के मुद्दे पर भी बात की।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें जल्द से जल्द इस मुद्दे को सुलझाने के लिए विभिन्न कदम उठाने की जरूरत है।’’ बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि विवाद पर शीर्ष न्यायालय में सुनवाई का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि मामले को बेहतर तरीके से निपटाए जाने की जरूरत है। उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने भी उपस्थित लोगों को संबोधित किया और न्यायाधीशों की कमी पर अपनी चिंता प्रकट की। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे समझ नहीं आता कि न्यायाधीश का पद रिक्त क्यों रह जाता है। ऐसी व्यवस्था क्यों नहीं है जहां न्यायाधीशों की नियुक्ति सेवारत न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की तारीख के पहले हो जाए।’’
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