कोरोना की वजह से दिल्ली मेट्रो की आय में हुई भारी गिरावट, सवा साल में हुआ 2 हजार से अधिक नुकसान

delhi metro

लॉकडाउन के दौरान मेट्रो की रफ्तार पर ब्रेक लगने से 2000 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ है।आलम यह है कि दूसरे शहरों की मेट्रो परियोजनाओं के परामर्श सेवाओं से होने वाली आय से दिल्ली की मेट्रो सेवाएं चल रही हैं।

कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया है। दिल्ली की लाइफलाइन कहे जानी वाली मेट्रो भी इससे अछूती नहीं रही। कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान मेट्रो सेवा बंद कर दी गई थी। जिससे मेट्रो की आर्थिक हालत बेहद खराब हो गई। ऐसे में अगर तीसरी लहर आई तो दिल्ली मेट्रो पर एक बार फिर ब्रेक लग जाएगा।  लॉकडाउन के दौरान मेट्रो की रफ्तार पर ब्रेक लगने से 2000 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ है। मेट्रो की दोबारा पटरी पर दौड़ने से यात्रियों ने तो राहत की सांस ली लेकिन डीएमआरसी को हालत खस्ता हो गई। आलम यह है कि दूसरे शहरों की मेट्रो परियोजनाओं के परामर्श सेवाओं से होने वाली आय से दिल्ली की मेट्रो सेवाएं चल रही हैं। 

कोरोना की दूसरी लहर में हुआ 300 करोड़ का नुकसान

कोरोना काल में एहतियात बरतते हुए और यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए केवल 50 फीसदी यात्रियों को सफर की इजाजत मिली है। इसके तहत एक सीट छोड़कर बैठने के साथ-साथ यात्रियों को खड़े होकर सफर करने पर पाबंदी भी लगाई गई। इससे मेट्रो में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या घटकर 10 फीसदी रह गई है। साल 2019-2020 में मेट्रो को अलग-अलग मदों से 3897.29 करोड़ की कमाई हुई।

इस दौरान मेट्रो को 758.01 करोड़ का लाभ हुआ। वहीं साल 2020-2021 में मेट्रो को ट्रैफिक, फीडर बस, परिचालन और किराए से 895।88 करोड़ रुपए की आए हुई लेकिन मेट्रो सेवाएं बंद होने की वजह से मेट्रो को इस दौरान 1784।01 करोड़ का नुकसना झेलना पड़ा।   

दूसरे शहरों से नहीं मिला बकाया तो बिगड़ेंगे हालात

कोरोना की दूसरी लहर के दौरान भी मेट्रो को 300 करोड़ का नुकसान हुआ है। महामारी के दौरान यात्रियों के लिए मेट्रो सेवाएं जारी रखने के लिए डीएमआरसी को जयपुर, मुंबई, कोच्चि समेत देश के अन्य शहरों की मेट्रो परियोजनाओं की कंसल्टेंसी से हुई आय को खर्च करना पड़ा।डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक डॉ मंगू सिंह मेट्रो को हुए नुकसान के बारे में बात करते हुए कहते हैं कि आर्थिक कमी के कारण मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं। पहले की जमा राशि से फिलहाल मेट्रो का परिचालन किया गया। बकाया के भुगतान के लिए केंद्र के साथ-साथ हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली सराकर से भुगतान का आग्रह किया है। अगर इसमें देरी हुई तो हालात और बिगड़ सकते हैं। 

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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