पंडित नेहरू से बेहद प्रभावित थे 3 बार मुख्यमंत्री रहे तरुण गोगोई, ऐसा रहा है सियासी सफर

Tarun Gogoi
प्रतिरूप फोटो

'मैं कांग्रेस का आदमी हूं और अपने जीवन की अंतिम सांस तक कांग्रेस का आदमी ही रहूंगा।' तरुण गोगोई ने एक बार अपने वक्तव्य में यह बात कही थी और इस पर कायम भी रहे। कोरोना संक्रमण के बाद उभरी दिक्कतों के चलते तरुण गोगोई का 84 साल की उम्र में 23 नवंबर, 2020 को निधन हो गया था।

नयी दिल्ली। तीन बार असम के मुख्यमंत्री रहे तरुण गोगोई किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। उनका जन्म 1 अप्रैल,1936 को जोरहाट जिले के रंगाजन टी एस्टेट में हुआ था। उनके पिता टी एस्टेट में डॉक्टर थे और माता कवियित्री थीं। तरुण गोगोई के पिता चाहते थे कि उनका बेटा डॉक्टर या इंजीनियर बने, लेकिन तरुण गोगोई का दिल राजनीति के लिए धड़कता था और उन्होंने अपने दिल की ही सुनी। 

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पंडित नेहरू से थे बेहद प्रभावित

तरुण गोगोई ने एक बार अपने एक शिक्षक से कहा था कि वे बड़े होकर प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं। स्कूली शिक्षा के दौरान ही उन्होंने राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा लेना शुरू कर दिया था। तरुण गोगोई देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू से बेहद प्रभावित हुए थे जब वो 1952 में जोरहाट पहुंचे थे। उस वक्त तरुण गोगोई 10वीं कक्षा में थे।

प्रारंभिक शिक्षा

तरुण गोगोई की हाईस्कूल में फेल हो गए और जिसके बाद उन्होंने फिर निजी परीक्षार्थी के रूप में अगले साल परीक्षा दी और अच्छे अंक हासिल किए। इसके बाद तरुण गोगोई जगन्नाथ बारूह कॉलेज पहुंचे और छात्र राजनीति में सक्रिय हो गए। स्नातक के बाद वह कानून की पढ़ाई के लिए इलाहाबाद विश्वविद्यालय पहुंचे। लेकिन उनकी तबीयत बिगड़ गई, जिसकी वजह से वह असम लौट गए और फिर गुवाहाटी विश्वविद्यालय में दाखिला लिया।

1963 में कांग्रेस में हुए शामिल

भारत युवक समाज की असम इकाई के सक्रिय नेता तरुण गोगोई साल 1963 में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की और तब से आखिरी सांस तक पार्टी के प्रति अपनी वफादारी निभाई थी। 

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'मैं कांग्रेस का आदमी हूं और अपने जीवन की अंतिम सांस तक कांग्रेस का आदमी ही रहूंगा।' तरुण गोगोई ने एक बार अपने वक्तव्य में यह बात कही थी और अंतिम समय तक अपनी बात पर कायम भी रहे। कोरोना संक्रमण के बाद उभरी दिक्कतों के चलते तरुण गोगोई का 84 साल की उम्र में 23 नवंबर, 2020 को निधन हो गया था।

तरुण गोगोई कांग्रेस के महासचिव और संयुक्त सचिव की भी जिम्मेदारी संभाली थी। साल 1968 में पहली दफा उन्होंने नगर निकाय चुनाव लड़ा था और उसमें जीत दर्ज की थी। इसके बाद साल 1971 में वह पहली बार लोकसभा के लिए जोरहाट सीट से निर्वाचित हुए। तरुण गोगोई ने 1972 में जंतु विज्ञान में स्नातकोत्तर डॉली से शादी की। उनके दो बच्चे-बेटी चंद्रिमा और पुत्र गौरव हैं। चंद्रिमा अपने परिवार के साथ विदेश में रहती हैं, जबकि गौरव लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता हैं। केंद्र में कई मंत्रालयों का पदभार संभाल चुके तरुण गोगोई साल 2001 से 2016 तक असम के मुख्यमंत्री रहे थे।

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