डोभाल की ‘जो हुआ सो हुआ’ वाली टिप्पणी चौकाने वाली, हिंसा की न्यायिक जांच हो: माकपा

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दिल्ली उच्च न्यायालय में भी एक अनुचित घटनाक्रम में यही रवैया दिखाई दिया था जहां दिल्ली पुलिस ने सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा देने वाले भाषण देने वालों पर मामला दर्ज करने से साफ मना कर दिया था।’’

नयी दिल्ली। माकपा ने शुक्रवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की दिल्ली के दंगा प्रभावित क्षेत्रों में लोगों से बातचीत के दौरान की गयी ‘जो हुआ सो हुआ’ वाली टिप्पणी की आलोचना की। माकपा ने आरोप लगाया कि दंगों को अंजाम देने वालों की भूमिका को छिपाने की कोशिश की जा रही है। वाम दल ने केंद्र सरकार से दिल्ली हिंसा के मामले में उच्चतम न्यायालय के किसी न्यायाधीश द्वारा या उच्चतम न्यायालय की निगरानी में न्यायिक जांच कराने को कहा। पार्टी ने एक बयान में कहा, ‘‘एनएसए अजीत डोभाल ने हिंसा पीड़ितों से बातचीत करते हुए चौकाने वाला बयान दिया और कहा कि ‘जो हुआ सो हुआ’।

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दिल्ली उच्च न्यायालय में भी एक अनुचित घटनाक्रम में यही रवैया दिखाई दिया था जहां दिल्ली पुलिस ने सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा देने वाले भाषण देने वालों पर मामला दर्ज करने से साफ मना कर दिया था।’’ माकपा ने हिंसा रोक नहीं पाने पर भी दिल्ली पुलिस पर सवाल खड़े किये। वामपंथी पार्टी ने कहा, ‘‘समय की जरूरत है कि लोगों के बीच विश्वास पैदा किया जाए और उन्हें हिंसा के बाद के सदमे से उबरने में मदद की जाए।’’ माकपा के अनुसार, ‘‘ऐसा करने के बजाय अगर तथाकथित जांच का इस्तेमाल दंगों को अंजाम देने वालों की भूमिका छिपाने तथा चुनिंदा तरीके से क्लीन चिट देने में किया जाता है तो इससे खाई और बढ़ेगी।’’

 

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