पर्रिकर के निधन के चलते विधवाओं ने नहीं खेली होली, मनाया शोक

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[email protected] । Mar 18 2019 4:19PM

इस प्रयास के तहत इन महिलाओं को रोटी, कपड़ा और मकान मुहैया कराने के अलावा सामाजिक सम्मान दिलाने के लिए होली, दिवाली, रक्षाबंधन तथा दुर्गापूजा आदि त्यौहारों के अवसर पर समाज के अन्य वर्गों के समान ही खुशी मनाने तथा खुशियां बांटने का मौका देने की शुरुआत की गई।

मथुरा। वृन्दावन तथा वाराणसी में रहने वाली एक हजार विधवा महिलाओं ने आज अपने पूर्वघोषित कार्यक्रम के अनुसार होली का त्यौहार नहीं मनाया। सुलभ इण्टरनेशनल फाउण्डेशन के तत्वावधान में वृन्दावन के ठा. गोपीनाथ मंदिर में आज उनका सामूहिक होली कार्यक्रम था। जिसकी कवरेज के लिए देश-विदेश से करीब ढाई-तीन सौ पत्रकार एवं फोटो जर्नलिस्ट भी आए हुए थे। पिछले सात वर्षों से यहां होली का त्यौहार धूमधाम से मनाया जाता रहा है।

इस बार भी सोमवार को यह कार्यक्रम मनाए जाने की तैयारियां की गई थीं। किंतु, बीती शाम जैसे ही पता चला कि पूर्व रक्षामंत्री एवं गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का निधन हो गया है तो राष्ट्रीय शोक मनाते हुए होली का कार्यक्रम निरस्त कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। सुलभ फाउण्डेशन के संस्थापक डा. बिन्देश्वर पाठक ने कहा, ‘ महिलाओं ने स्वयं यह प्रस्ताव रखा कि पर्रिकर के निधन के चलते होली मनाने का कार्यक्रम रद्द कर दिया जाए, जिसे सभी ने पूर्ण सम्मान के साथ शिरोधार्य कर लिया।’

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गौरतलब है कि सुलभ फाउण्डेशन वर्ष 2012 से उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर वृन्दावन, वाराणसी तथा उत्तराखण्ड आदि में रहकर भजन-कीर्तन और भिक्षावृत्ति के सहारे अपना बाकी जीवन जैसे-तैसे काट रहीं विधवा एवं परित्यक्त महिलाओं को सम्मानजनक जीवन देने का प्रयास कर रहा है। इस प्रयास के तहत इन महिलाओं को रोटी, कपड़ा और मकान मुहैया कराने के अलावा सामाजिक सम्मान दिलाने के लिए होली, दिवाली, रक्षाबंधन तथा दुर्गापूजा आदि त्यौहारों के अवसर पर समाज के अन्य वर्गों के समान ही खुशी मनाने तथा खुशियां बांटने का मौका देने की शुरुआत की गई। 

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