ईडी ने साइबर धोखाधड़ी के आरोपी चिराग तोमर व उसके सहयोगियों की 21.7 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की

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बयान में कहा गया है कि धन शोधन निरोधक एजेंसी ने पाया कि विश्वसनीय वेबसाइटों की इस तरह से नकल की गई कि जब कोई ‘कॉइनबेस’ खोजता था, तो नकली वेबसाइट सबसे ऊपर दिखाई देती थी।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नकली वेबसाइटों के जरिए क्रिप्टोकरंसी में दो करोड़ अमेरिकी डॉलर के गबन से जुड़े मामले में आरोपी चिराग तोमर, उसके परिवार और सहयोगियों की दिल्ली में नौ संपत्तियों सहित 21.71 करोड़ रुपये की संपत्ति अस्थायी रूप से कुर्क की है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

यह जांच एक समाचार पत्र की खबर के आधार पर शुरू की गई थी, जिसमें बताया गया था कि भारतीय नागरिक तोमर को क्रिप्टोकरेंसी विनिमय वेबसाइट “कॉइनबेस” जैसी दिखने वाली जाली वेबसाइटों का इस्तेमाल कर दो करोड़ अमेरिकी डॉलर चुराने के आरोप में अमेरिका में गिरफ्तार किया गया है।

एजेंसी ने तोमर और उसके सहयोगियों राहुल आनंद, आकाश वैश्य और पीयूष पराशर की संपत्ति अस्थायी रूप से कुर्क कर ली है। ईडी ने एक बयान में कहा कि मामले में अब तक कुल 64.15 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई है। इसने कहा कि जांच से पता चला कि चिराग तोमर बड़े पैमाने पर साइबर धोखाधड़ी में शामिल था। वह वर्तमान में अमेरिकी अधिकारियों की हिरासत मेंहै।

बयान में कहा गया है कि धन शोधन निरोधक एजेंसी ने पाया कि विश्वसनीय वेबसाइटों की इस तरह से नकल की गई कि जब कोई ‘कॉइनबेस’ खोजता था, तो नकली वेबसाइट सबसे ऊपर दिखाई देती थी।

ईडी ने पाया कि यह धनराशि तोमर, उसके परिवार के सदस्यों और सहयोगियों के बैंक खातों में अंतरित की गई और इसका उपयोग अचल संपत्तियां खरीदने में किया गया। इसमें कहा गया है, तोमर को दिसंबर 2023 में अमेरिका में प्रवेश करते समय अमेरिकी अधिकारियों ने गिरफ्तार कर लिया था।

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