Budget 2023: शिक्षा प्रौद्योगिकी क्षेत्र ने Digital पहल, कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर जोर देने का किया स्वागत

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भारत में अब डिजिटल एजुकेशन को प्रभावी बनाने के लिए काम किया जा रहा है। शिक्षा प्रौद्योगिकी क्षेत्र में डिजिटल पहलों पर की गई बजट घोषणाओं को लेकर इसके जानकारी ने शानदार बताया है। इसे डिजिटल क्रांति बताया गया है।

नयी दिल्ली। शिक्षा प्रौद्योगिकी क्षेत्र ने डिजिटल पहलों पर बजट घोषणाओं का बुधवार को स्वागत किया जिसमें शिक्षा क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर जोर दिया गया है। शिक्षा प्रौद्योगिकी ने इसे ‘‘डिजिटल क्रांति’’ की ओर एक कदम बताया। 2023-24के बजट में शिक्षा क्षेत्र के लिए घोषणाओं में शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के लिए तीन उत्कृष्टता केंद्र, इंजीनियरिंग संस्थानों में 5जी सेवाओं का उपयोग करके ऐप्लीकेशन विकसित करने के लिए 100 प्रयोगशालाएं और बच्चों और किशोरों के लिए राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय की स्थापना की घोषणा की गई है ताकि उन्हें गुणवत्तापूर्ण पुस्तकें, अलग-अलग इलाकों, भाषाओं, विषयों और स्तरों में विभिन्न उपकरणों के माध्यम से उपलब्ध कराई जा सकें।

जैमिट के संस्थापक आरुल मालवीय ने कहा कि केंद्रीय बजट 2023-24 शिक्षा क्षेत्र में डिजिटल क्रांति लाने और इसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उपयोग को बढ़ावा देने में सरकार की गहन रुचि को दर्शाता है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें खुशी है कि सरकार का नया बजट भारत के शिक्षा प्रौद्योगिकी के अनुरूप है। बच्चों और किशोरों के लिए एक राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित करने की घोषणा के साथ, शिक्षा प्रौद्योगिकी क्षेत्र को निश्चित रूप से बढ़ावा मिलेगा।’’ कीब्रिज ग्लोबल एजुकेशन के सह-संस्थापक और सीओओ इंडिया, आमोद दानी ने कहा कि बजट ने पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए देश के मानव संसाधन में निवेश करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला है।

स्कूडोस की संस्थापक और मुख्य प्रबंधन निदेशक सिया सेठ ने कहा कि बजट में की गई घोषणाओं से डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा, जो शिक्षा प्रौद्योगिकी क्षेत्र के लिए एक बड़ा सकारात्मक कदम है। उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय की शुरूआत और शिक्षा और प्रशिक्षण के जिला संस्थानों की स्थापना भारतीय स्टार्ट-अप संस्कृति को अगले स्तर पर ले जाएगी।’’ फिजिक्सवाला के सह-संस्थापक प्रतीक माहेश्वरी ने कहा कि राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी की घोषणा अर्थव्यवस्था को आधुनिक बनाने और आगे बढ़ाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। ग्लोबस इन्फोकॉम लिमिटेड के सीईओ किरण धाम के अनुसार, बजट शिक्षा क्षेत्र में प्रचलित प्रमुख चुनौतियों के उन्मूलन पर केंद्रित है और शिक्षकों की भर्ती और प्रशिक्षण, डिजिटल बुनियादी ढांचे में सुधार, ऑफ़लाइन के साथ-साथ सीखने के एक ऑनलाइन मोड को प्रोत्साहित करता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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