जम्मू कश्मीर में लोकसभा चुनाव के बाद शीघ्र हों विधानसभा चुनाव: उमर
अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘ जैसे ही आम चुनाव समाप्त होंगे, देश की अन्य जगहों परसुरक्षा बल की जरूरत नहीं होगी। इसके बाद यहां आप अतिरिक्त सुरक्षाबलों को तैनात कर सकते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ राज्य में चुनाव पर्यवेक्षक आ रहे हैं। देखते हैं कि वह क्या निर्णय लेते हैं।
श्रीनगर। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला जम्मू कश्मीरमें जल्द विधानसभा चुनाव कराने के पक्ष में हैं और उन्होंने उम्मीद जताई कि राज्य के लोग एकल पार्टी के शासन के पक्ष में मतदान करेंगे न कि गठबंधन वाली सरकार बनाने के पक्ष में। एक साक्षात्कार में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में विधानसभा का चुनाव लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद तीन से पांच सप्ताह के भीतर कराये जा सकते हैं क्योंकि तब पर्याप्त संख्या में सुरक्षाबल उपलब्ध होंगे। लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण का मतदान 19 मई को है और मतों की गिनती 23 मई को होगी। अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘ हमारे पास निश्चित रूप से लोकसभा चुनाव के बाद और अमरनाथ यात्रा से पहले समय है। जम्मू-कश्मीर में तीन से पांच सप्ताह के भीतर विधानसभा चुनाव कराना संभव है। अगर आप ऐसा चाहें तो.... हम इसकी तैयारी संसदीय चुनाव के अंतिम चरणों से शुरू कर सकते हैं। इसके बाद आपके पास चुनाव कराने के लिए जून का पूरा महीना है।’’
Prominent socio-political leader Sardar Janak Singh Sodhi was welcomed into @JKNC_ by party President Dr. Farooq Abdullah at Gupkar, Sgr today. Party Vice President Mr. Omar Abdullah, PP Nasir Aslam Wani, treasurer Shammi Oberoi were also present #JKNC #OnlyHal #HalhiHalHai pic.twitter.com/x9d8lxc50a
— JKNC (@JKNC_) March 30, 2019
उन्होंने कहा कि अमरनाथ यात्रा की वजह से चुनाव में देरी नहीं होनी चाहिए। यह यात्रा जुलाई के पहले सप्ताह से शुरू होती है। अब्दुल्ला ने कहा, ‘ अगर रमजान संसदीय चुनाव के लिए अवरोधक नहीं है तो विधानसभा चुनाव के लिए अमरनाथ यात्रा क्यों बाधक होगी?’ उन्होंने कहा, ‘‘ अमरनाथ यात्रा दो जिलों अनंतनाग और गंदेरबाल में होती है। तकनीकी तौर पर कहें तो विधानसभा क्षेत्र पहलगाम और कंगन में यह होती है।’’ अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘ जैसे ही आम चुनाव समाप्त होंगे, देश की अन्य जगहों परसुरक्षा बल की जरूरत नहीं होगी। इसके बाद यहां आप अतिरिक्त सुरक्षाबलों को तैनात कर सकते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ राज्य में चुनाव पर्यवेक्षक आ रहे हैं। देखते हैं कि वह क्या निर्णय लेते हैं।’’
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उनसे जब यह पूछा गया कि पीडीपी-भाजपा का गठबंधन खत्म होने की वजह से क्या इसका फायदा नेशनल कॉन्फ्रेंस को मिल सकता है तो उन्होंने कहा, ‘‘ मैं लहर की संभावना का अनुमान नहीं लगाता। मुझे लगता है कि ऐसा करना चुनाव में खुद को नुकसान पहुंचाना है।’’ उन्होंने कहा कि इतनी जल्दी जम्मू-कश्मीर की जनता अपना मूड नहीं बनाती है। अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘ मैं यह कहना चाहूंगा कि जम्मू-कश्मीर के लोग गठबंधन की सरकार से परेशान हो चुके हैं और वह सत्ता के लिए एक पार्टी को चुनकर भेजेंगे। हम इसके लिए ही काम कर रहे हैं।’’ जब उनसे पूछा गया कि क्या त्रिशंकु जनादेश आने पर दो पार्टियों के बीच गठबंधन होगा तो उन्होंने कहा कि यह परिकल्पना वाली स्थिति है।
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