एल्गार परिषद के आयोजक ने कहा- पवार को SIT जांच के अपने वादे को पूरा करना चाहिए

Pawar

पुणे पुलिस ने आरोप लगाया था कि दिसम्बर 2017 में हुई एल्गार परिषद को माओवादियों का समर्थन हासिल था और भीमा कोरेगांव युद्ध स्मारक के पास भड़काऊ भाषणों के कारण जातीय हिंसा भड़की।

पुणे। एल्गार परिषद के आयोजकों ने बृहस्पतिवार को मांग की कि राकांपा प्रमुख शरद पवार को 2017 की बैठक से संबंधित एक मामले की एसआईटी जांच के अपने ‘आश्वासन’ को पूरा करना चाहिए। पुणे जिला प्रशासन ने कोविड-19 महामारी का हवाला देते हुए 31 दिसम्बर को आयोजित होने वाली एल्गार परिषद की वार्षिक बैठक के लिए इस वर्ष अनुमति देने से इनकार कर दिया था। आयोजकों ने बृहस्पतिवार को कहा कि अब वे 30 जनवरी को कार्यक्रम आयोजित करेंगे, हालांकि उन्हें अभी आवश्यक मंजूरी लेनी है। 

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पुणे पुलिस ने आरोप लगाया था कि दिसम्बर 2017 में हुई एल्गार परिषद को माओवादियों का समर्थन हासिल था और भीमा कोरेगांव युद्ध स्मारक के पास भड़काऊ भाषणों के कारण जातीय हिंसा भड़की। इसके बाद सुधा भारद्वाज, तेलुगु कवि वरवर राव और कई अन्य को कथित तौर पर माओवादियों से संपर्क के लिए गिरफ्तार किया गया था। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने बाद में इसकी जांच अपने हाथों में ले ली थी। आयोजकों में से एक आकाश साबले ने कहा कि पवार ने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) से अलग जांच कराने के बारे में बात की थी और उन्हें अपना ‘वादा’ पूरा करना चाहिए।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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