राजनाथ ने पर्यावरण के लिए मानव निर्मित चुनौतियों पर जताई चिंता

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[email protected] । Sep 29 2018 6:49PM

पर्यावरण के लिए मानव निर्मित समस्याओं पर चिंता जताते हुए केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि समय के साथ चुनौतियां बड़ी हो रही हैं जो हमारे लिए चिंता की बात है।

आबू रोड। पर्यावरण के लिए मानव निर्मित समस्याओं पर चिंता जताते हुए केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि समय के साथ चुनौतियां बड़ी हो रही हैं जो हमारे लिए चिंता की बात है। गृह मंत्री यहां विज्ञान, आध्यात्म तथा पर्यावरण पर तीन दिवसीय वैश्विक शिखर सम्मेलन तथा प्रदर्शनी के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे । उन्होंने कहा कि पृथ्वी ग्रह पर मानव जीवन खतरे में है।

उन्होंने कहा कि मनुष्य अपने जीवन के लिए खुद ही खतरा पैदा कर रहा है। 'प्रदूषण बढ़ रहा है और जमीन की उर्वरता घट रही है। यह संकट लगातार गहरा रहा है जो हम सभी के लिए बड़ी चिंता की बात है।' गृहमंत्री सिंह ने कहा कि हमारे देश के ऋषि-मुनियों ने ही शून्य का आविष्कार किया और आध्यात्म की खोज की। उन्होंने कहा,‘विज्ञान, आध्यात्म और धर्म ये एक-दूसरे के विपरीत हैं ये अवधारणा विदेशों की है जबकि भारत की अवधारणा तो यह है कि विज्ञान और आध्यात्म दोनों एक-दूसरे के पूरक और एक हैं।' 

ब्रह्मकुमारी संस्थान की सराहना करते हुए सिंह ने कहा कि जो काम सरकार नहीं कर सकती वो ब्रह्मकुमारी कर रही है । उन्होंने कहा कि स्वच्छता हो, जैविक खेती, सौर ऊर्जा या महिला सशक्तिकरण इन सभी विषयों पर यह संस्था काम कर रही है। कार्यक्रम का संबोधित करते हुए उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायधीश दीपक मिश्रा ने कहा कि विश्वव्यापी संगठन ब्रह्मकुमारी द्वारा की जा रही हैं सेवाएं मानव को सही दिशा में ले जा रही हैं। उन्होंने कहा कि संसार को जिस शांति की जरूरत है उस वातावरण का निर्माण यहां हो रहा है। कम बोलो, धीरे बोलो, मीठा बोलो ये शब्द यहां मंत्र की तरह कार्य करते हैं। पवित्रता आत्मा की मूल संपदा है।

अपने संबोधन में अमेरिकी अदाकारा मारला मैपल ने कहा कि अमेरिका इन दिनों कई चुनौतियों का सामना कर रहा है लेकिन हमारे आसपास के बेहतरीन लोग और दोस्त जीवन को आनंद से भर देते हैं। मैपल ने बताया कि उन्होंने ब्रह्माकुमारीज के राजयोग ध्यान और शाकाहारी भोजन को अपनी दिनचर्या में शामिल किया है। केंद्रीय सामाजिक न्याय व आधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत, ब्रह्मकुमारी संस्थान की संयुक्त प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतन मोहिनी व वैज्ञानिक कार्तिकेय साराभाई ने भी अपने विचार रखे। इस तीन दिवसीय आयोजन में 140 विदेशी प्रतिनिधियों के साथ बड़ी संख्या में भारतीय प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।

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