Prabhasakshi NewsRoom: Russian Oil पर EU नेता ने पूछा सवाल, Jaishankar ने जो जवाब दिया वह पूरी दुनिया में वायरल हो रहा

S Jaishankar
ANI

हम आपको बता दें कि दरअसल रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से ही भारत रूस से बड़े पैमाने पर कच्चा तेल खरीद कम कीमत पर खरीद रहा है और उसे परिष्कृत कर डीजल और पेट्रोल के रूप में यूरोप समेत कई अन्य देशों को निर्यात कर रहा है।

भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर तत्काल और तीखा जवाब देने के लिए जाने जाते हैं। तीन देशों की यात्रा के अंतिम चरण में वह ब्रसेल्स पहुँचे जहां यूरोपीय संघ के तमाम नेताओं के साथ उनकी मुलाकात हुई। द्विपक्षीय मुलाकातों के बाद संवाददाता सम्मेलन के दौरान जयशंकर ने यूरोपीय संघ की विदेश नीति के प्रमुख जोसप बोरेल फोंतेलेस के एक बयान को लेकर उन्हें ऐसा तीखा जवाब दिया जिसकी इस समय पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है। हम आपको बता दें कि जोसेफ बोरेल ने रूस से भारत के तेल आयात पर सवाल उठाते हुए कहा था कि भारत रूसी तेल को खरीद कर उसे रिफाइंड कर रहा है और उसे पेट्रोल-डीजल में बदल कर यूरोप में बेच रहा है जिसके लिए यूरोपीय संघ को भारत के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। इससे संबंधित सवाल पर विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि "यूरोपीय संघ परिषद के नियमों को देखें, अब रूसी कच्चे तेल को तीसरे देश में काफी हद तक बदल दिया गया है और अब इसे रूसी के रूप में नहीं माना जाता है।'' उन्होंने कहा कि मैं आपसे परिषद के नियमन 833/2014 को देखने का आग्रह करूंगा।" 

हम आपको बता दें कि दरअसल रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से ही भारत रूस से बड़े पैमाने पर कच्चा तेल कम कीमत पर खरीद रहा है और उसे परिष्कृत कर डीजल और पेट्रोल के रूप में यूरोप समेत कई अन्य देशों को निर्यात कर रहा है। यही बात यूरोप के कुछ नेताओं को चुभ रही है कि कैसे भारत रूस के तेल से खुद कमाई कर रहा है। इसलिए जोसफ बोरेल ने एक साक्षात्कार में कहा कि यूरोपीय संघ को भारत पर कार्रवाई करनी चाहिए। लेकिन अब जयशंकर के जवाब के बाद सब निरुत्तर हो गये हैं।

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इससे पहले, भारत-यूरोपीय संघ व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद (टीटीसी) की ब्रसेल्स में संपन्न पहली मंत्री-स्तरीय बैठक में दोनों पक्षों ने डिजिटल और स्वच्छ प्रौद्योगिकी में सहयोग बढ़ाने के मुद्दे पर चर्चा की। इस बैठक की सह-अध्यक्षता भारत की तरफ से विदेश मंत्री एस जयशंकर, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने की। हम आपको याद दिला दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने गत वर्ष अप्रैल में टीटीसी के गठन की घोषणा की थी। टीटीसी के तहत तीन कार्यबल बनाए गए जो रणनीतिक प्रौद्योगिकी, डिजिटल गवर्नेंस एवं डिजिटल संपर्क, हरित एवं स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकी और व्यापार, निवेश एवं मूल्य शृंखला पर केंद्रित हैं। भारत-यूरोपीय संघ व्यापार एवं प्रौद्योगिकी परिषद की पहली मंत्री-स्तरीय बैठक में दोनों पक्षों के शीर्ष मंत्री शामिल हुए। इसमें यूरोपीय संघ की कार्यकारी इकाई यूरोपीय आयोग की कार्यकारी उपाध्यक्ष मार्गरेट वेस्तागर भी मौजूद रहीं। वाणिज्य मंत्री गोयल ने बैठक के बाद एक ट्वीट में कहा कि वेस्तागर के साथ सभी हितधारकों की रचनात्मक बातचीत हुई। इसमें यूरोपीय संघ के उच्च प्रतिनिधि (विदेश मामले) एवं उपाध्यक्ष जोसप बोरेल फोंतेलेस भी मौजूद रहे।

हम आपको यह भी बता दें कि इससे पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बेल्जियम के प्रधानमंत्री एलेक्जेडर डी क्रू से मुलाकात की और उनके साथ कारोबार एवं प्रौद्योगिकी सहित द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की तथा समकालीन रणनीतिक मुद्दों पर बात की। जयशंकर बांग्लादेश, स्वीडन और बेल्जियम की अपनी तीन देशों की यात्रा के अंतिम चरण में ब्रसेल्स पहुंचे थे। जयशंकर ने कहा कि उन्होंने बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से डी क्रू को व्यक्तिगत बधाई दी। 

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