मधु कोडा के चुनाव लड़ने पर तीन साल का प्रतिबंध लगा

चुनाव आयोग ने 2009 में लड़े गए लोकसभा के चुनाव में खर्च का ब्यौरा ना देने के लिए झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोडा को तीन साल तक चुनाव लड़ने के अयोग्य अघोषित कर दिया है।
चुनाव आयोग ने 2009 में लड़े गए लोकसभा के चुनाव में खर्च का ब्यौरा ना देने के लिए झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोडा को तीन साल तक चुनाव लड़ने के अयोग्य अघोषित कर दिया है। कोडा ने झारखंड की सिंहभूम लोकसभा सीट से चुनाव जीता था। आयोग द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि कोडा को ‘‘कानून द्वारा जरूरी तरीके के हिसाब से अपने चुनाव खर्च का ब्यौरा ना देने तथा इस तरह की नाकामी के लिए उनके पास कोई कारण या औचित्य ना होने को लेकर तीन साल तक चुनाव लड़ने की दृष्टि से अयोग्य करार दिया जाता है।’’
मुख्य चुनाव आयुक्त एके ज्योति एवं चुनाव आयुक्त ओपी रावत के हस्ताक्षर वाले आयोग के आदेश में जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 10 ए का हवाला देते हुए कोडा को अयोग्य करार दिया गया। आयोग 2009 के बाद कथित रूप से चुनाव खर्च के झूठे दस्तावेज पेश करने के लिए कोडा के खिलाफ मामला सुन रहा था। कोडा 2009 में निर्दलीय सांसद के रूप में निर्वाचित हुए थे और अक्तूबर, 2010 में चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस भेजकर पूछा था कि उन्हें इस आधार पर अयोग्य करार क्यों ना दिया जाए कि उन्होंने कथित रूप से 18,92,353 रुपये की वास्तविक राशि के उलट अपना चुनाव खर्च बहुत कम दिखाया था। 49 पन्नों के आदेश में कहा गया कि झारखंड के नेता द्वारा जमा किए गए चुनाव खर्च का ब्यौरा ‘‘झूठा’’ था। कोडा ने चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र पर सवाल खड़े करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय का रूख किया था लेकिन अदालत ने आयोग को नेता के खिलाफ कार्रवाई जारी रखने की मंजूरी दे दी थी।
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