अशोक चव्हाण का आरोप, मराठा आरक्षण के मुद्दे पर लोगों को भ्रमित कर रहे हैं फडणवीस
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क । Jul 28 2020 5:38PM
महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय में यह आश्वासन दिया था कि वे लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा अनुसंधान विभाग को छोड़कर बाकी किसी भी अन्य विभाग में 15 सितंबर तक 12 फीसदी मराठा आरक्षण पर भर्तियां नहीं करेंगे।
मुंबई। महाराष्ट्र के मंत्री अशोक चव्हाण ने मंगलवार को भाजपा नेता देंवेद्र फडणवीस पर आरोप लगाया कि वह मराठा आरक्षण पर लोगों को भ्रमित कर रहे हैं। इस मामले की सुनवाई अभी उच्चतम न्यायालय में चल रही है। महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय में यह आश्वासन दिया था कि वे लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा अनुसंधान विभाग को छोड़कर बाकी किसी भी अन्य विभाग में 15 सितंबर तक 12 फीसदी मराठा आरक्षण पर भर्तियां नहीं करेंगे।
महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा था कि वह उच्चतम न्यायालय में राज्य सरकार के जवाब से चकित हैं।इस पर प्रतिक्रिया करते हुए चव्हाण ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, ‘ ‘मेरा यह विश्वास है कि या तो कुछ लोग मुद्दे को नहीं समझते हैं या जानबूझ कर लोगों को भ्रमित करते हैं।’’ चव्हाण मराठा आरक्षण पर महाराष्ट्र मंत्रिमंडल की उप समिति के प्रमुख हैं। महाराष्ट्र सरकार की तरफ से पेश होते हुए मुकुल रहतोगी ने उच्चतम न्यायालय में कहा कि राज्य सरकार की ओर से चार मई को पारित प्रस्ताव के तहत लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान को छोड़कर सभी अन्य विभाग ताजा भर्ती प्रक्रिया नहीं चलाई जाएगी।#मराठाआरक्षण संदर्भात आजच्या सुनावणीत सर्वोच्च न्यायालयाने कोणतीही स्थगिती दिलेली नाही. कोरोनाच्या पार्श्वभूमिवर राज्यातील नोकरभरती ४ मे रोजीच्या शासन निर्णयान्वये अगोदरच थांबलेली आहे. शासनाच्या वकिलांनी ही बाब सर्वोच्च न्यायालयाच्या निदर्शनास आणून दिली. pic.twitter.com/yqSE2JgS7Z
— Ashok Chavan (@AshokChavanINC) July 27, 2020
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चव्हाण ने कहा कि उच्चतम न्यायालय में सोमवार को राज्य सरकार की ओर से कही गईं बातें चार मई को जारी प्रस्ताव का हवाला है। मंत्री ने कहा कि यह स्पष्ट है कि फडणवीस लोगों को भ्रमित कर रहे हैं। शिक्षा और नौकरियों में मराठा आरक्षण देने वाले महाराष्ट्र सरकार के कानून और उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय में याचिकाएं हैं, जिस पर अभी सुनवाई हो रही है।
डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
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