एयर इंडिया हादसे में जान गंवाने वाले ब्रिटिश शख्स के परिवार को मिला गलत शव, विदेश मंत्रालय का आया बयान

एमईए ने कहा कि हम इस मुद्दे से संबंधित किसी भी चिंता के समाधान के लिए ब्रिटिश अधिकारियों के साथ मिलकर काम करना जारी रखे हुए हैं। यह स्पष्टीकरण ब्रिटेन स्थित वकील जेम्स हीली के दावों के बाद आया है, जो दो पीड़ितों के परिवारों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा कि अहमदाबाद में एयर इंडिया की उड़ान AI171 की घातक दुर्घटना के बाद स्वदेश लाए गए अवशेषों की कथित गलत पहचान को लेकर दो परिवारों द्वारा उठाई गई चिंताओं के समाधान के लिए भारत ब्रिटिश अधिकारियों के साथ निकट संपर्क में है। मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हमने रिपोर्ट देखी है और जब से ये चिंताएँ और मुद्दे हमारे ध्यान में लाए गए हैं, हम ब्रिटिश पक्ष के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इस दुखद दुर्घटना के बाद, संबंधित अधिकारियों ने स्थापित प्रोटोकॉल और तकनीकी आवश्यकताओं के अनुसार पीड़ितों की पहचान की थी। सभी पार्थिव अवशेषों को अत्यंत पेशेवर तरीके से और मृतकों की गरिमा का पूरा ध्यान रखते हुए संभाला गया।
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एमईए ने कहा कि हम इस मुद्दे से संबंधित किसी भी चिंता के समाधान के लिए ब्रिटिश अधिकारियों के साथ मिलकर काम करना जारी रखे हुए हैं। यह स्पष्टीकरण ब्रिटेन स्थित वकील जेम्स हीली के दावों के बाद आया है, जो दो पीड़ितों के परिवारों का प्रतिनिधित्व करते हैं। हीली ने कहा कि डीएनए परीक्षण से पता चला है कि उनके मुवक्किलों को भेजे गए अवशेष उनके मृतक रिश्तेदारों से मेल नहीं खाते। उनके अनुसार, दुर्घटना के बाद मानव अवशेषों के 12 से 13 सेट ब्रिटेन वापस भेजे गए थे। उनमें से कम से कम दो में डीएनए विसंगतियाँ पाई गईं।
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एयर इंडिया की उड़ान संख्या AI171, बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर, 12 जून को दोपहर करीब 1:30 बजे अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के लिए रवाना हुई थी। उड़ान भरने के कुछ ही क्षणों बाद, विमान शहर के मेघानीनगर इलाके में स्थित बीजे मेडिकल कॉलेज के आवासीय परिसर से टकरा गया, जिससे भीषण आग लग गई। विमान में सवार 242 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों में से केवल एक ही जीवित बचा। ब्रिटिश अधिकारी कथित तौर पर परिवारों द्वारा उठाए गए निष्कर्षों की समीक्षा कर रहे हैं, जबकि भारतीय अधिकारी इस मामले में सहयोग करना जारी रखे हुए हैं।
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