किसान ने सरकारी कर्ज और साहूकारों के कर्ज से परेशान होकर दे दी जान

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[email protected] । Jul 15 2019 12:53PM

पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप कर घटना की सूचना उपजिलाधिकारी को दे दी गयी है। नरैनी तहसील की उपजिलाधिकारी वन्दिता श्रीवास्तव ने आज बताया कि धोबी की पत्नी बुंदिया करीब एक साल से बीमार है और वह इलाज कराने में अक्षम था।

बांदा। जिले की नरैनी कोतवाली क्षेत्र में एक किसान ने सरकारी कर्ज और साहूकारों के कर्ज से परेशान होकर रविवार को फांसी लगाकर कथित रूप से आत्महत्या कर ली। नरैनी कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक दुर्गविजय सिंह ने सोमवार को बताया कि मुगौरा गांव निवासी लाला धोबी (62) रविवार सुबह अपने खेतों की तरफ शौच के लिए गया था, काफी देर तक वापस नहीं आने पर परिजनों ने उसकी तलाश की तो शव खेत में लगे बबूल के पेड़ पर फांसी के फंदे से लटका मिला। धोबी चार बीघा कृषि भूमि का मालिक था। परिजनों के हवाले से उन्होंने बताया कि धोबी पर किसान क्रेडिट कार्ड के तहत आर्यावर्त बैंक का 70 हजार रुपये का सरकारी कर्ज और गांव के साहूकारों का करीब दो लाख रुपये कर्ज था।

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पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप कर घटना की सूचना उपजिलाधिकारी को दे दी गयी है। नरैनी तहसील की उपजिलाधिकारी वन्दिता श्रीवास्तव ने आज बताया कि धोबी की पत्नी बुंदिया करीब एक साल से बीमार है और वह इलाज कराने में अक्षम था। शायद आर्थिक तंगी से परेशान होकर उसने यह कदम उठाया। उन्होंने बताया कि कर्ज के संबंध में भी सूचना मिली है। लेखपाल से पूरे मामले की रिपोर्ट मंगवाई गयी है। मृतक के आश्रितों को सरकारी आर्थिक मदद दिलाई जाएगी।

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