किसान-सरकार वार्ता में कानून वापसी की मांग पर अड़े किसानों ने उठाया NIA के नोटिसों का मुद्दा

Narendra Singh Tomar

वार्ता शुरू होने के बाद किसान संगठनों ने सरकार से एक बार फिर से अनुरोध किया कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाना चाहिए और न्यूनतम किसान समर्थन (एमएसपी) कानून बनना चाहिए।

नयी दिल्ली। सरकार-किसान के बीच कृषि कानूनों को लेकर 10वें दौर की वार्ता राजधानी दिल्ली के विज्ञान भवन में जारी है। इस वार्ता में किसानों ने एनआईए का मुद्दा उठाया। जिस पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों को आश्वासन दिया कि किसी भी निर्दोष व्यक्ति के साथ गलत नहीं होगा। बता दें कि सरकार की तरफ से बातचीत के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बैठक में हिस्सा लिया।  

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वार्ता शुरू होने के बाद किसान संगठनों ने सरकार से एक बार फिर से अनुरोध किया कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाना चाहिए और न्यूनतम किसान समर्थन (एमएसपी) कानून बनना चाहिए। दरअसल, किसान अभी भी अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं और सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि कानून को हम वापस नहीं लेंगे। हालांकि, किसानों की समस्या का समाधान करने के लिए सरकार कानूनों में संशोधन करने के लिए तैयार है।

इसी बीच एक समाचार चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक, एक तस्वीर सामने आई है जिसमें बैठक के दौरान किसान संगठन के नेता ने लिखा है कि वार्ता की जगह और मंत्री वही हैं और वही पुरानी बातों पर ही चर्चा हो रही है। जिसका मतलब है कि अगले दौर की वार्ता होगी।

वार्ता से पहले भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि हम बैठक भी करेंगे और आंदोलन भी। किसान यहां से वापस नहीं जाएगा जब तक एमएसपी पर कानून, तीनों कानूनों की वापसी और स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को लागू नहीं किया जाता है। 

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उल्लेखनीय है कि किसान और सरकार के बीच नौ दौर की वार्ता बेनतीजा रही है। लेकिन गणतंत्र दिवस समारोह से पहले दसवें दौर की यह बैठक अहम बताई जा रही है।

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