कौन हैं बाबा लक्खा सिंह ? जिन्होंने किसानों के साथ मध्यस्थता कराने की पेशकश की

Baba Lakha Singh

नानकसर गुरुद्वारा प्रमुख बाबा लक्खा सिंह ने कृषि मंत्री के साथ बातचीत में स्पष्ट शब्दों में कहा कि केंद्र को कृषि कानूनों को लागू करने की शक्ति राज्य सरकारों को देनी चाहिए। कृषि का मसला राज्यों का मामला है।

नयी दिल्ली। केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन चल रहा है। आज आंदोलन का 44वां दिन है। किसान और केंद्र सरकार के बीच आठवें दौर की वार्ता विज्ञान भवन में होनी है और इससे पहले नानकसर गुरुद्वारा प्रमुख बाबा लक्खा सिंह ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ मुलाकात की है और उन्होंने सरकार और किसान संगठनों के बीच मध्यस्थता की पेशकश भी की है। 

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कौन हैं बाबा लक्खा सिंह ?

बाबा लक्खा सिंह पंजाब के मोगा की नानकसर सम्प्रदाय से ताल्लुक रखते हैं और वह पंजाब, हरियाणा समेत कई अन्य राज्यों में स्थित नानकसर गुरुद्वारों की प्रबंधन कमेटी के प्रमुख हैं। बाबा लक्खा सिंह की सिख समुदाय में अच्छी पकड़ है और लोग उनकी बातों को गंभीरता के साथ लेते हैं। ऐसे में उन्होंने किसानों की समस्याओं का निदान करवाने के लिए केंद्र सरकार के समक्ष मध्यस्थता कराने की पेशकश की लेकिन उन्होंने नरेंद्र सिंह तोमर के समक्ष एक शर्त भी रख दी।

उन्होंने कृषि मंत्री के साथ बातचीत में स्पष्ट शब्दों में कहा कि केंद्र को कृषि कानूनों को लागू करने की शक्ति राज्य सरकारों को देनी चाहिए। कृषि का मसला राज्यों का मामला है। हालांकि, नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि वह किसानों की बहुत सी मागों को मान चुके हैं और अन्य मांगों को भी मानने के लिए तैयार हैं। लेकिन वह नए कृषि कानूनों को वापस नहीं लेने वाली हैं। 

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उल्लेखनीय है कि सरकार के साथ किसान संघों की वार्ता से पहले 7 जनवरी को किसानों ने अलग-अलग प्रदर्शन स्थलों से ट्रैक्टर रैली निकाली। इसे मात्र 'ट्रेलर' और 'रिहर्सल' का नाम दिया गया। किसानों ने यह पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि 7 जनवरी को होने वाली 'ट्रैक्टर रैली' महज एक रिहर्सल है और 26 जनवरी को पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से भारी संख्या में किसान ट्रैक्टर से दिल्ली की तरफ कूच करेंगे।

केंद्र सरकार की 40 किसान संगठनों के साथ सात दौर तक चली वार्ता में बेनतीजा रही है और शुक्रवार को विज्ञान भवन में आठवें दौर की वार्ता होनी है। अभी तक किसानों के साथ हुई वार्ता में 4 में से 2 मसलों पर लगभग सहमति बन गई है लेकिन दो अहम मुद्दों को लेकर अभी भी बातचीत जारी है जिसका समाधान निकालने का प्रयास किया जा रहा है। किसानों की मांग है कि केंद्र सरकार नए कृषि काननों को वापस ले और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) कानून बनाएं। हालांकि, सरकार ने कई दफा यह साफ कर दिया है कि वह कानूनों को वापस नहीं लेगी लेकिन वह किसानों के साथ बातचीत कर जरूरी बदलाव करने के लिए तैयार है। 

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किसानों से मिलते रहेंगे तोमर

बाबा लक्खा सिंह से मुलाकात के बाद नरेंद्र सिंह तोमर ने संवाददाताओं से बातचीत की। इस दौरान संवाददाताओं ने पूछा कि क्या सरकार ने नानकसर गुरुद्वारा प्रमुख के साथ एक प्रस्ताव पर बातचीत की है, जिस पर कृषि मंत्री ने जवाब दिया कि सरकार ने ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं दिया है। सरकार ने कहा है कि वह इन कानूनों को वापस लेने की मांग के अलावा किसी भी प्रस्ताव पर विचार करेगी।

यह पूछे जाने पर कि क्या प्रस्तावों में राज्यों को नए केंद्रीय कानून लागू करने की छूट दी गई है, उन्होंने कहा, ‘नहीं।’ साथ ही यह भी कहा कि मैं उनसे (बाबा लक्खा से) बात करना जारी रखूंगा। वह आज दिल्ली आए हैं, यह खबर बन गई। मेरा उनसे पुराना संबंध है।’’ पंजाब के धार्मिक नेताओं से मुलाकात के सवाल पर कृषि मंत्री ने कहा कि मैं उनसे मिलूंगा, चाहे वे किसान हों या फिर नेता।

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