कृषि कानूनों के विरोध में समर्थन जुटाने के लिए किसानों का 'मिट्टी सत्याग्रह' शुरू, 1500 गांवों से लाई गई मिट्टी

Rakesh Tikait

किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों की याद में शहीद स्मारक बनाया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शहीद स्मारक में देशभर से आई मिट्टी का विशेष रूप से इस्तेमाल किया जाएगा।

नयी दिल्ली। केंद्र के तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों संगठनों का पिछले 131 दिनों से आंदोलन जारी है। इसी बीच आंदोलन को गति प्रदान करने के लिए 'मिट्टी सत्याग्रह' की शुरुआत हो गई है। जिसके तहत गुजरात, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा समेत 23 राज्यों के 1500 गांवों की मिट्टी लेकर किसान संगठनों के साथी दिल्ली की सीमाओं पर पहुंचे हैं। जहां पर महिलाओं ने मिट्टी से भरे हुए कलश को सिर पर रखकर किसानों के प्रति अपना समर्थन जताया। 

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शहीदों के लिए बनाया जाएगा स्मारक

किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों की याद में शहीद स्मारक बनाया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शहीद स्मारक में देशभर से आई मिट्टी का विशेष रूप से इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए किसान संगठनों के नेता महापंचायतों में, बैठकों में 'मिट्टी' लेकर जाएंगे। ताकि अधिक से अधिक संख्या में आंदोलन के लिए समर्थन जताया जा सके।

संयुक्त किसान मोर्चा के दर्शनपाल ने बताया कि शहीद भगत सिंह, शहीद सुखदेव, शहीद चंद्रशेखर आजाद, ऊधम सिंह समेत अन्य स्थलों से मिट्टी लाई गई हैं। आपको बता दें कि गुजरात के 33 जिलों के 800, राजस्थान के 200, महाराष्ट्र के 150, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के 150, उत्तर प्रदेश के 75, हरियाणा के 60, पंजाब के 78 और बिहार के 30 गांवों की मिट्टी को लाई गई है। 

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सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर मंगलवार को तीसरी बार दिल्ली से सटे हुए गाजीपुर बॉर्डर पहुंचीं। जहां पर उन्होंने किसानों के साथ मिलकर मिट्टी की पूजा की। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने मेधा पाटकर के साथ की एक तस्वीर भी साझा की। जिसमें उन्होंने लिखा कि बचा हुआ देश बेचने के लिए पुनः लॉकडाउन की तैयारी है। आंदोलन लॉकडाउन से समाप्त नहीं होगा। चाहे कोरोना आए या इससे भी बड़ा कुछ और आए।

जारी रहेगा किसानों का आंदोलन

एक तरफ जहां कोरोना वायरस महामारी के मामले रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं वहीं पर किसान संगठनों ने साफ कर दिया है कि उनका आंदोलन समाप्त नहीं होने वाला है। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि चाहे पूरे देश में लॉकडाउन लग जाए लेकिन हमारा आंदोलन खत्म नहीं होगा। हालांकि, किसान नेता ने आंदोलन स्थलों पर कोरोना गाइडलाइन्स को फॉलो करने की बात कही।

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