भविष्य में युद्ध जीतने के लिये तकनीकी पर ध्यान: सेना प्रमुख

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[email protected] । Dec 1 2018 11:14AM

सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने शुक्रवार को कहा कि भविष्य के युद्धों में तकनीकी क्षमता अहम होगी और सैन्य अधिकारियों को तकनीकी रूप से दक्ष बनाने की जरूरत है।

पुणे। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने शुक्रवार को कहा कि भविष्य के युद्धों में तकनीकी क्षमता अहम होगी और सैन्य अधिकारियों को तकनीकी रूप से दक्ष बनाने की जरूरत है। रावत ने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के 135वें कोर्स की पासिंग आउट परेड का निरीक्षण किया। उन्होंने रंगरूटों को संबोधित किया और बाद में संवाददाताओं से बात की। उन्होंने कहा, ‘अगर हमें आधुनिक सेना बनानी है, अगर हमें सैन्य अभियानों के लिये तैयार रहना है तो हमें प्रौद्योगिकी पर ध्यान देने की जरूरत है।’

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रावत ने कहा, ‘आने वाले दिनों में लड़ाई सिर्फ ताकत पर निर्भर रहकर नहीं जीती जाएंगी, हमें प्रौद्योगिकी को आत्मसात करना होगा और हमें अपने अधिकारियों को तकनीकी रूप से दक्ष बनाने की जरूरत है।’ उन्होंने कहा कि एनडीए में इसी उद्देश्य बी-टेक पाठ्यक्रम शुरू किया गया है। जनरल रावत ने कहा, ‘अगर उनकी मूल समझ (विज्ञान और प्रौद्योगिकी के बारे में) स्पष्ट है, तो उन्हें तकनीक को आत्मसात करने में समस्या नहीं होगी।’ 

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सेना प्रमुख ने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में सूचना और साइबर युद्ध पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि कृत्रिम मेधा ताकत में कई गुना इजाफा करने वाले के तौर पर उभर रही है और रक्षा बलों के संदर्भ में यह भविष्य का हथियार बनेगी। पासिंग आउट परेड के बाद कुल 261 कैडेट सशस्त्र सेनाओं में अधिकारी बने। इनमें से 186 सेना में, 21 नौसेना में और 54 वायुसेना में शामिल हुए।

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