Prabhasakshi NewsRoom: Britain में फल और सब्जियों की भारी कमी, हर व्यक्ति के लिए खरीद सीमा तय की गयी

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हम आपको बता दें कि वहां से जिस प्रकार की खबरें आ रही हैं वह दर्शा रही हैं कि टमाटर, मिर्च या शिमला मिर्च, खीरा, ब्रोकली, फूलगोभी और रसबेरी का उत्पादन सीमित रह गया है। इसलिए हर ग्राहक के लिए इन वस्तुओं की खरीद की सीमा तय कर दी गयी है।

ब्रिटेन इस समय फलों और सब्जियों की भारी कमी से जूझ रहा है जिसके चलते पूरे देश में सारे सुपरमार्केटों में फलों और सब्जियों वाले सेक्शन खाली पड़े हैं। इस बीच कई प्रमुख सुपरमार्केटों ने फलों और सब्जियों की खरीद की सीमा तय कर दी है। कुछ सुपरमार्केटों में फल और सब्जियां दिख भी रही हैं तो वह सड़ी हुई या खराब क्वालिटी की हैं। बताया जा रहा है कि यह स्थिति ब्रिटेन में खराब मौसम और यूक्रेन-रूस युद्ध के कारण उत्पन्न हुई है। सप्लाई चेन बाधित होने से बाहर से सब्जियां और फल पर्याप्त मात्रा में आ नहीं पा रही हैं, ईंधन की कीमत बढ़ने से खाने पीने की वस्तुओं के दाम आसमान पर हैं और ऐसे में खासतौर पर टमाटर, खीरे, ब्रोकली आदि महत्वपूर्ण सब्जियों की कमी ने लोगों का जीवन मुश्किल कर दिया है। ब्रिटिश सरकार ने आगाह किया है कि यह स्थिति महीने भर भी चल सकती है।

हम आपको बता दें कि वहां से जिस प्रकार की खबरें आ रही हैं वह दर्शा रही हैं कि टमाटर, मिर्च या शिमला मिर्च, खीरा, ब्रोकली, फूलगोभी और रसबेरी का उत्पादन सीमित रह गया है। इसलिए हर ग्राहक के लिए इन वस्तुओं की खरीद की सीमा तय कर दी गयी है। यानि अगर आप ब्रिटेन में किसी सुपरमार्केट में जाते हैं और वहां यदि टमाटर, मिर्च, शिमला मिर्च, खीरा, ब्रोकली, फूलगोभी, रसबेरी या अन्य फल उपलब्ध हैं तो लंबी लाइनों में लगने के बाद एक निश्चित मात्रा में ही इन्हें खरीद पाएंगे। यह चीजें आपको दोबारा कितनी जल्दी मिलेंगी इसकी कोई गारंटी नहीं है क्योंकि सरकार ने कह दिया है कि एक महीने तक यह स्थिति रह सकती है। यदि यह स्थिति लंबी चली तो लोगों की मुश्किलें बढ़ना तय है।

इस बीच, सरकार कह रही है कि टमाटर जोकि बिल्कुल भी नहीं मिल रहा है उसकी जगह लोगों को विकल्प के रूप में टर्निप्स खाने चाहिए। ब्रिटेन में आम लोगों की डाइनिंग टेबल से सब्जी और फल तो गायब हो ही रहे हैं साथ ही अमीर लोग जोकि सलाद की तमाम तरह की वैरायटी के शौकीन होते हैं, उन्हें भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच, बताया जा रहा है कि इस कमी का कारण दक्षिणी यूरोप और अफ्रीका में खराब मौसम के साथ-साथ ब्रिटेन और नीदरलैंड में महंगी बिजली के कारण प्रतिबंधित हुई ग्रीनहाउस खेती है।

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संसद में एक सवाल के जवाब में पर्यावरण मंत्री थेरेसे कॉफी ने बताया, “हमारा अनुमान है कि यह स्थिति अगले दो से चार सप्ताह तक जारी रह सकती है।” उन्होंने कहा, “यह महत्वपूर्ण है कि हम कोशिश करें और सुनिश्चित करें कि हमें कोई वैकल्पिक स्रोत मिल जाए।” पर्यावरण मंत्री ने कहा कि इस संकट से उबरने और भविष्य में ऐसी स्थिति से बचने के लिए उनका विभाग खुदरा वितरकों से बातचीत कर रहा है। दूसरी ओर, विपक्षी लेबर पार्टी ने जनता की थाली से मूलभूत खाद्य वस्तुओं की कमी के मुद्दे को उठाते हुए सरकार पर इस मुद्दे पर विफल रहने का आरोप लगाया है। इस बीच, सरकार ने फलों और सब्जियों कि किसी भी प्रकार की कालाबाजारी या होर्डिंग करने के प्रति चेतावनी भी दी है।

दूसरी ओर, यह मुद्दा सोशल मीडिया पर भी खूब छाया हुआ है। लोग ब्रिटेन में फल और सब्जियों की कमी को लेकर तमाम तरह की टिप्पणियां कर रहे हैं और कुछ लोग इस संबंध में कई प्रकार के मीम्स भी बना रहे हैं।

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