झारखंड की डीजीपी की अनूठी पहल, गरीब बच्चों के लिए बनाया गैजेट बैंक

gadget banks in jharkhand

15 जुलाई से झारखंड में एक अनूठी पहल शुरु होने जा रही है। दरअसल राज्य में गरीब बच्चों के लिए गैजेट जुटाने के लिए गैजेट बैंक की शुरुआत की जा रही है। जिसके लिए लोगों से अपील की गई है कि वे अपने घरों में पड़े एक्स्ट्रा स्मार्ट गैजेट मोबाइल या टैबेलट जो चालू हो उनके जरिए पुलिस की गैजेट बैंक बनाने में मदद करें।

कोरोना महामारी ने ना सिर्फ आम लोगों के जीवन पर प्रभाव डाला है बल्कि बच्चों की पढ़ाई करने के तरीके को भी पूरी तरह से बदल दिया है। इन दिनों बच्चे स्कूल ना जाकर घरों से ही ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। ऐसे में ऑनलाइन पढ़ाई उन बच्चों के लिए मुसीबत बन रही है जिनके घर में कोई गैजेट यानि लैपटॉप, मोबाइल आदि की सुविधा नहीं है। यही कारण है कि 15 जुलाई से झारखंड में एक अनूठी पहल शुरु होने जा रही है। दरअसल राज्य में गरीब बच्चों के लिए गैजेट जुटाने के लिए गैजेट बैंक की शुरुआत की जा रही है। जिसके लिए लोगों से अपील की गई है कि वे अपने घरों में पड़े एक्स्ट्रा स्मार्ट गैजेट मोबाइल या टैबेलट जो चालू हो उनके जरिए पुलिस की गैजेट बैंक बनाने में मदद करें। ऐसे में माना जा रहा है कि राज्य में 15 जुलाई से पुलिस स्टेशनों के बाहर ऐसे लोगों की लाइन देखने को मिल सकती है जो अपने घरों में एक्स्ट्रा स्मार्ट गैजेट के जरिए गरीब बच्चों की पढ़ाई में मदद करेंगे। 

डीसीपी नीरज सिन्हा ने दिया सुझाव

इस बैंक का सुझाव राज्य के डीजीपी नीरज सिन्हा ने दिया है। दरअसल दिल्ली समेत कई अन्य राज्यों से साधनों के अभाव में पढ़ाई ना कर पाने के कारण बच्चों के आत्महत्या करने के कई मामले सामने आ चुके हैं। वहीं जमशेदपुर से एक लड़की इस सबके बीच मिसाल भी बनी है जिसने सड़क किनारे आम बेचकर अपनी पढ़ाई के लिए मोबाइल खरीदा है। इस सुझाव पर नीरज सिन्हा ने उम्मीद जताई है कि उनके विभाग के कर्मी और आम लोगों अपने घरों के एक्स्ट्रा स्मार्ट गैजेट के जरिए जरुरतमंद बच्चों की पढ़ाई में मदद करेंगे। इस पर डीजीपी का कहना है कि कई बार हम लोग पुराने स्मार्टफोन या लैपटॉप चालू हालत में छोड़कर नया खरीद लेते हैं। ऐसे में घर पर बेकार पड़े चालू हालत वाले गैजेट्स को इकट्ठा कर योग्य और जरुरतमंद छात्रों के बीच बांटने का फैसला किया है।

तेलंगाना की लड़की के सुसाइड से हो गए थे दुखी

एक लीडिंग वेबसाइट से बात करते हुए नीरज सिन्हा ने कहा कि वह पिछले साल नवंबर में तेलंगाना की लड़की ने ऑनलाइन पढ़ाई कर पाने के कारण सुसाइड कर लिया था जिससे बहुत दुखी हो गए थे। उन्होंने कहा देश में लॉकडाउन की वजह से ज्यादातर कक्षाओं की पढ़ाई ऑनलाइन हो रही है जिससे देश डिजिटल डिवाइड हो गया है।  

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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