संसद में आपस में भिड़े गिरिराज सिंह और पप्पू यादव, सुमित्रा महाजन ने जताई नाराजगी

Giriraj Singh and Pappu Yadav face to face in parliament
[email protected] । Jul 19 2018 4:19PM

मानसून सत्र के दूसरे दिन लोकसभा की बैठक की हंगामेदार शुरूआत हुई जब राजद से निष्कासित सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग करते हुए कागज उछाल दिये।

नयी दिल्ली। मानसून सत्र के दूसरे दिन लोकसभा की बैठक की हंगामेदार शुरूआत हुई जब राजद से निष्कासित सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग करते हुए कागज उछाल दिये। कांग्रेस और माकपा के सांसदों ने प्रश्नकाल में जवाब दे रहे केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा से कुछ दिन पहले लिंचिंग की घटना के दोषियों को माला पहनाने के मुद्दे पर माफी मांगने की मांग की और इस मुद्दे पर नारेबाजी की। सुबह सदन की बैठक शुरू होते ही राजेश रंजन अपने हाथों में कुछ कागज लेकर आगे की ओर आ गये। वह शर्ट के ऊपर चोला जैसा एक कपड़ा पहने हुए थे जिस पर बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर नारे लिखे हुए थे। कपड़े पर लिखा था, ‘‘याचना नहीं अब रण होगा। विशेष राज्य का दर्जा, जाप का प्रण होगा।’’ उन्होंने राजद से निष्कासित किये जाने के बाद जन अधिकार पार्टी (जाप) का गठन किया था। राजेश रंजन कागज लेकर सत्ता पक्ष की कुर्सियों की ओर गये और उन्होंने कागज उछाल दिये।

इस दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी अग्रिम पंक्ति में बैठे हुए थे। बाद में गडकरी और संसदीय कार्य मंत्री अंनत कुमार ने राजेश रंजन को शांत कराया और अपनी जगह पर जाने के लिए मनाया। उनके ऐसा करने पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने नाराजगी जताई और कहा, ‘‘सदस्य चुनकर आते हैं। जिम्मेदारी समझनी चाहिए।’’ राजेश रंजन ने कहा कि उन्होंने आसन की ओर कागज नहीं उछाले हैं। उनके ऐसा करने पर भाजपा के कुछ सांसदों ने भी आपत्ति जताई। इस दौरान केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से उनकी (राजेश रंजन) नोकझोंक भी हो गयी।

इसके बाद शून्यकाल में राजेश रंजन विरोध स्वरूप आसन के पास फर्श पर बैठ गये। कुछ देर बाद केंद्रीय मंत्री एस एस अहलूवालिया ने उन्हें अपनी जगह पर जाने के लिए मनाया। बाद में स्पीकर ने शून्यकाल में रंजन को अपनी बात रखने का मौका दिया और यह भी कहा कि सुबह उनका व्यवहार अत्यंत गलत था और उन्हें सदन से माफी मांगनी चाहिए तथा उनका आगे कभी ऐसा व्यवहार नहीं होना चाहिए। इस पर रंजन ने कहा, ‘‘मैं जनता के दर्द को रोक नहीं पाया। यह राज्य की जनता का सवाल था। मैं हृदय से क्षमा मांगता हूं।’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा और विशेष पैकेज की बात कहते रहे हैं लेकिन 11 करोड़ आबादी वाले राज्य को अभी तक पैकेज नहीं मिला है। राज्य में कोई बुनियादी ढांचा नहीं है और गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाली बड़ी आबादी यहां है। सरकार को विशेष पैकेज देना चाहिए। इससे पहले प्रश्नकाल में ही केंद्रीय विमानपत्तन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा जब एक प्रश्न का उत्तर देने के लिए खड़े हुए तो माकपा के मोहम्मद सलीम ने कहा कि पहले मंत्री को माफी मांगनी चाहिए।

उनका इशारा कुछ दिन पहले लिंचिंग के दोषियों को सिन्हा द्वारा माला पहनाने के मुद्दे से था। कांग्रेस और माकपा के सांसद आसन के समीप आकर सिन्हा के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। इस दौरान सिन्हा पूरक प्रश्नों का जवाब देते रहे और उनका जवाब पूरा होने के बाद विपक्ष के सांसद अपने स्थानों पर लौट गये। गौरतलब है कि झारखंड में एक मांस कारोबारी की पीट-पीटकर हत्या के दोषियों के कुछ दिन पहले जमानत पर जेल से बाहर निकलने के बाद उन्हें माला पहनाने पर सिन्हा आलोचनाओं का शिकार हुए थे। उन्होंने बाद में इस मामले में खेद भी प्रकट किया था।

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