मतदाताओं से नकुलनाथ की अपील, खुद को साबित करने के लिए मुझे दें समय
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ ने कहा कि उनका लक्ष्य चुनाव जीतकर युवाओं को ज्यादा से ज्यादा नौकरियां देना होगा।
छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे और छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में पहली बार चुनाव मैदान में उतर रहे नकुलनाथ का कहना है कि भले ही तुलनाएं अपरिहार्य हों पर वेअनुचित होती हैं। नकुल अपने पिता कमलनाथ की जगह छिंदवाड़ा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। कमलनाथ नौ बार इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। बोस्टन से एमबीए और दून स्कूल से पढ़ाई कर चुके नकुल ने कहा कि वह अपने पिता द्वारा स्थापित छिंदवाड़ा के विकास मॉडल को आगे ले जाना चाहते हैं। उन्होंने खुद को साबित करने के लिये कुछ समय देने के लिये कहा।
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नकुलनाथ ने कहा कि उनका लक्ष्य चुनाव जीतकर युवाओं को ज्यादा से ज्यादा नौकरियां देना होगा। नकुलनाथ (44) ने कहा कि उनके और उनके पिता के बीच तुलना करना ठीक नहीं होगा, जो 40 साल से चुनाव राजनीति में हैं। नकुलनाथ ने कहा कि पिता की तुलना में मेरा अनुभव कम है। यह पांचवां चुनाव है जिसमें मैं प्रचार कर रहा हूं। आखिरी बार 2018 में राज्य के विधानसभा चुनाव में किया था, मुझे खुद को साबित करने के लिये कुछ समय दें। नकुल से जब पूछा गया कि वह देश के सबसे विकसित संसदीय क्षेत्रों में से एक छिंदवाड़ा के लिये और क्या करना चाहते हैं, उन्होंने कहा कि मैं अपने पिता के काम को आगे ले जाना चाहता हूं।
उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा कहा है कि निवेश की मांग नहीं की जा सकती लेकिन इसे आकर्षित किया जाना चाहिए। मेरे पिता ने सड़कों, बिजली, नये निवेश और नये उद्योगों के मामले में छिंदवाड़ा में अनुकूल माहौल तैयार किया है। नकुल की नजर में इस इलाके में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है। उन्होंने कहा कि मेरा लक्ष्य उद्योग लगाना है ताकि युवा और प्रतिभाशाली लोगों को यह क्षेत्रछोड़ना न पड़े। मैं चाहता हूं कि लोगों को इस इलाके में रहकर ही काम मिले। छिंदवाड़ा में अपने पिता के साथ रैलियां करते हुए नकुलनाथ ने दोहराया कि वह नेता नहीं हैं, लेकिन एक बेटा हैं जो वोटों के रूप में लोगों से समर्थन और आशीर्वाद मांग रहा है।
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छिंदवाड़ा लोकसाभा सीट पर 29 अप्रैल को मतदान होना है। यह सीट 1957 से कांग्रेस का गढ़ रही है। कांग्रेस को सिर्फ 1997 उपचुनाव में यहां हार का सामना करना पड़ा था जब भाजपा उम्मीदवार और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सुंदर लाल पटवा ने यहां से जीत हासिल की थी। 2014 के आम चुनाव में कमलनाथ ने भाजपा के चन्द्रभान कुबेर सिंह को 1,16,537 मतों के अंतर से हराया था। इस सीट पर 15,12,000 मतदाता हैं।
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