अपने विरोध में बोलने की आवाज दबाने के लिए यूएपीए का इस्तेमाल कर रही सरकार: जयंत चौधरी

Jayant Chaudhary
प्रतिरूप फोटो

आरएलडी नेता जयंत चौधरी ने बुधवार को आयोजित जनसभाओं के दौरान भारतीय जनता पार्टी की केंद्र और उत्तर प्रदेश की सरकारों पर हमला बोला। चौधरी ने कहा, “एक कानून है यूएपीए, जिसका इस्तेमाल आतंकी घटनाओं को रोकने के लिए किया जाता है। आज उसी कानून के इस्तेमाल से सरकार अपने विरोध में उठने वाले स्वरों को दबा रही है।

हाथरस/बुलंदशहर| राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने बुधवार को कहा कि सरकार के विरोध में बोलने वालों की आवाज को दबाने के लिए केंद्र सरकार गैर कानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम (यूएपीए) के तहत कार्रवाई कर रही है।

चौधरी ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के विरुद्ध कार्रवाई नहीं करने पर भी केंद्र की आलोचना की। टेनी के बेटे को लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है। आरएलडी नेता ने बुधवार को हाथरस और बुलंदशहर में आयोजित जनसभाओं के दौरान भारतीय जनता पार्टी की केंद्र और उत्तर प्रदेश की सरकारों पर हमला बोला।

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राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले चौधरी ने अपनी ‘आशीर्वाद पथ’ यात्रा के दौरान जनसभाएं की। आरएलडी की ओर से जारी एक बयान के अनुसार उन्होंने जनसभा में कहा, “प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री को गिरफ्तार करना चाहिए था लेकिन वह गिरफ्तार नहीं किये गए और इसकी बजाय उन्हें दिल्ली बुलाया गया और केंद्रीय गृह मंत्री (अमित शाह) ने उन्हें अपने बगल में बिठाया। इसके बाद उन्होंने उन्हें आशीर्वाद देकर वापस भेज दिया ताकि वह किसानों को कुचलने और विरोध में उठने वाले स्वर को दबाने का अपना काम कर सकें।”

चौधरी ने कहा, “एक कानून है यूएपीए, जिसका इस्तेमाल आतंकी घटनाओं को रोकने के लिए किया जाता है। आज उसी कानून के इस्तेमाल से सरकार अपने विरोध में उठने वाले स्वरों को दबा रही है। जब से मोदी जी सत्ता में आए हैं, यूएपीए के तहत 8,300 मामले दर्ज किये गए हैं। यह कानून उनके खिलाफ इस्तेमाल किया जा रहा है जो सरकार के विरोध में बोलते हैं।

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डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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