छत्रपति शिवाजी का अपमान करने के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगें राज्यपाल कोश्यारी: नाना पटोले

मुंबई। अगर रामदास स्वामी नहीं होते तो शिवाजी कौन पूछता? राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने ऐसा विवादित बयान देकर शिवाजी महाराज का अपमान किया है। छत्रपति शिवाजी महाराज महाराष्ट्र के देवता हैं और वे पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं लेकिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की संस्कृति में पले-बढ़े कोश्यारी ने जिस तरह ने जिस तरह शिवाजी महाराज का अपमान किया है, उसे महाराष्ट्र कभी बर्दाश्त नहीं करेगा। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नाना पटोले ने छत्रपति शिवाजी का अपमान करने के लिए राज्यपाल कोश्यारी से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की अपील की है।
इसे भी पढ़ें: विरोधियों को चुप कराने की रणनीति के खिलाफ एकजुट होकर बोलने का समय है: महाराष्ट्र कांग्रेस
इस मुद्दे पर आगे बोलते हुए पटोले ने कहा कि रामदास स्वामी छत्रपति शिवाजी महाराज के गुरु नहीं थे, इसके बावजूद पिछले कुछ वर्षों में कुछ इतिहासकारों ने जानबूझकर इतिहास को विकृत करने के उद्देश्य से रामदास स्वामी को छत्रपति शिवाजी महाराज का गुरु बनाने की कोशिश कर रहे हैं। छत्रपति शिवाजी महाराज की शौर्य गाथा और उनकी कृति पूरी दुनिया में अमर है लेकिन रामदास स्वामी को महाराज के गुरु के रूप में दिखाकर उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है। नाना पटोले ने कहा कि भगत सिंह कोश्यारी संवैधानिक पद पर बैठे हैं, लेकिन वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मिशन को अंजाम देते हुए इतिहास को तोड़ने का काम कर रहे हैं। ऐसे व्यक्ति को राज्यपाल के पद पर बैठने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है और केंद्र सरकार को चाहिए कि उन लोगों को वापस बुला ले, जिन्होंने राज्यपाल पद की गरिमा को खत्म किया है।
इसे भी पढ़ें: नाना पटोले की खुली चुनौती, माफी मांगें PM मोदी, नहीं तो राज्य के बीजेपी नेताओं के घरों के सामने करेंगे प्रदर्शन
पटोले ने कहा कि यह बार-बार देखा गया है कि भारतीय जनता पार्टी छत्रपति शिवाजी महाराज का इस्तेमाल केवल वोट हासिल करने के लिए कर रही है। पिछले सप्ताह केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी शिवाजी महाराज का अपमान किया था। पटोले ने कहा कि बड़ा सवाल यह है कि आखिर छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान होने के बावजूद भाजपा नेता चुप क्यों हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के साथ द्रोह करने वाले इन नेताओं को जनता जरुर सबक सिखाएगी।
अन्य न्यूज़