भोपाल में होम्योपैथी उपचार से ठीक हुए कोरोना के हल्के लक्षण वाले चार मरीज, 10 दिन के इलाज के बाद दी गई छुट्टी

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अस्पताल की अधीक्षक डॉक्टर सुनीता तोमर ने मंगलवार को बताया कि प्रदेश सरकार ने होम्योपैथिक कॉलेज में कोविड केयर सेंटर की स्थापना की थी। हल्के लक्षण वाले कोरोना संक्रमित रोगियों को यहां रखा गया और उनका उपचार किया गया।

भोपाल। भोपाल में कोरोना वायरस से संक्रमित हल्के लक्षणों वाले मरीजों पर होम्योपैथिक उपचार के अच्छे परिणाम मिलने का दावा किया गया है। होम्योपैथिक उपचार से यहां इस खतरनाक वायरस से चार मरीज ठीक हुए हैं। भोपाल में स्थित सरकारी होम्योपैथिक कॉलेज और अस्पताल ने दावा किया है कोविड-19 से संक्रमित चार मरीजों को 10 दिन के उपचार के बाद स्वस्थ्य होने पर छुट्टी देकर घर भेज दिया गया है। अस्पताल की अधीक्षक डॉक्टर सुनीता तोमर ने मंगलवार को बताया कि प्रदेश सरकार ने होम्योपैथिक कॉलेज में कोविड केयर सेंटर की स्थापना की थी। हल्के लक्षण वाले कोरोना संक्रमित रोगियों को यहां रखा गया और उनका उपचार किया गया। तोमर ने बताया कि दस दिनों के उपचार के बाद दो बच्चों सहित छह लोगों को सोमवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी। 

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उन्होंने बताया कि चार लोग कोरोना संक्रमित थे जबकि दो उनके बच्चे थे। इन बच्चों को भी होम्योपैथिक दवा दी गई और 10 दिनों तक अपने माता-पिता के साथ रहने के बावजूद इनमें संक्रमण के लक्षण नहीं देखे गए। बच्चों को कोई भी एलोपैथिक दवा नहीं दी गई थी। उन्हें सिर्फ होम्योपैथिक दवा ही दी गई थी। तोमर ने बताया कि इन मरीजों को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के दिशा निर्देशों और नियम के अनुसार भर्ती करते समय हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की एक बार की खुराक दी गयी और इसके बाद 10 दिन की लंबी अवधि के दौरान प्रतिरक्षा बढ़ाने वाली होम्योपैथिक दवाईयां दी गयी थी।  

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उन्होंने कहा कि चूंकि इस वायरस का कोई इलाज नहीं है इसलिए मरीजों को उनके विशिष्ट लक्षणों के आधार पर ही होम्योपैथिक उपचार दिया गया। उन्होंने कहा, ‘‘इनमें से किसी भी मरीज की हालत में गिरावट नहीं आई। किसी भी मरीज को कहीं और नहीं भेजा गया। किसी भी मरीज को ऑक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ी।’’ इन रोगियों का उपचार करने वाले डॉ मनोज साहू ने बताया कि इन रोगियों को विशिष्ट लक्षणों के आधार पर होम्योपैथिक दवा जैसे स्टैनम मीट, ब्रायोनिया अल्बा, केम्फोर, आर्सेनिक एल्बम की खुराक दी गई। उन्होंने बताया कि परिणाम बहुत आश्चर्यजनक थे और होम्योपैथिक दवा के सेवन के बाद मरीजों की हालत में तेजी से सुधार देखा गया और किसी भी मरीज को ऑक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ी।

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