किसान आंदोलन का खालिस्तानी कनेक्शन उजागर ! आतंकी गुरपतवंत पन्नू ने कहा- योगी को ड्रोन और ट्रैक्टरों से डराओ

Lakhimpur Kheri

केंद्र के कृषि सुधार कानूनों का विरोध कर रहे हैं उन पर भी आरोप लगते रहे हैं कि खालिस्तान समर्थकों का सहयोग उन्हें मिल रहा है। यही नहीं 26 जनवरी को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जिस तरह की हिंसा हुई थी उसके पीछे भी खालिस्तान की माँग करने वाले लोग बताये गये थे।

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के दौरान गाड़ियों के काफिले पर हमला करने वाले लोगों में से कुछ युवकों ने जो टी-शर्ट पहनी हुई थी उस पर कथित रूप से भिंडरावाले की तस्वीर छपी हुई थी। इससे संबंधित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं। केंद्र के तीन कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ विरोध भड़काने का काम भी खालिस्तान की माँग करने वालों ने ही किया ताकि देश में अराजकता का माहौल बनाया जा सके। लखीमपुर में जो कुछ हुआ उसके पीछे भी इसी तरह की मानसिकता रखने वालों पर आरोप लगे। अब इन आरोपों को और बल तब मिल गया जब आतंकी संगठन करार दिये जा चुके सिख फॉर जस्टिस ने मारे गये किसानों के परिवार को 7500 डॉलर यानि लगभग साढ़े पांच लाख रुपए की मदद का ऐलान कर दिया। यही नहीं इस खालिस्तानी संगठन ने अपने समर्थकों से यह भी आह्वान किया है कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को डराने के लिए ड्रोन और ट्रैक्टरों का इस्तेमाल किया जाये।

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देखा जाये तो पाकिस्तानी आईएसआई द्वारा प्रायोजित खालिस्तानी आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस ने अब लोगों को सीधे उकसाना शुरू कर दिया है। इस आतंकी संगठन का मुखिया और भारत सरकार की ओर से आतंकवादी घोषित किया जा चुका गुरपतवंत सिंह पन्नू इस मामले को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाने का प्रयास कर रहा है और इसी के तहत उसने यह ऐलान किये हैं। उसने लंदन में 31 अगस्त से खालिस्तान पर जनमत संग्रह कराने की बात भी कही है। पन्नू ने इस संबंध में वीडियो भी जारी किया है। इस वीडियो में उसने लखीमपुर में मारे गए किसानों के लिए मुआवजे का ऐलान करने के साथ 9 अक्टूबर को बड़ा अभियान छेड़कर मामले को अंतरराष्ट्रीय स्वरूप प्रदान करने की बात कही है।

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गौरतलब है कि जो लोग केंद्र के तीन कृषि सुधार कानूनों का विरोध कर रहे हैं उन पर भी आरोप लगते रहे हैं कि खालिस्तान समर्थकों का सहयोग उन्हें मिल रहा है। यही नहीं 26 जनवरी को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जिस तरह की हिंसा हुई थी उसके पीछे भी खालिस्तान की माँग करने वाले लोग बताये गये थे।

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