स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन बोले, कोविड-19 के टीकों की आपूर्ति पर निगरानी के लिए ईविन प्रणाली को पुनर्निर्मित किया जा रहा

Health Minister Harsh Vardhan

हर्षवर्धन ने कहा कि सरकार ने मिशन इंद्रधनुष के तहत 12 बीमारियों से बचाने के लिहाज से बच्चों के टीकाकरण के लिए एक विस्तृत शीत गृह श्रृंखला के साथ अपनी प्रतिरक्षण क्षमता को बढ़ाया है।

नयी दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 के टीके उपलब्ध होने पर उनके भंडारण पर डिजिटल तरीके से निगरानी रखने के लिए ईविन (इलेक्ट्रॉनिक टीका आसूचना तंत्र) प्रणाली को पुनर्निर्मित किया जा रहा है। हर्षवर्धन ने यहां वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की राष्ट्रीय परिषद के साथ बातचीत में कहा कि सरकार ने मिशन इंद्रधनुष के तहत 12 बीमारियों से बचाने के लिहाज से बच्चों के टीकाकरण के लिए एक विस्तृत शीत गृह श्रृंखला के साथ अपनी प्रतिरक्षण क्षमता को बढ़ाया है। हर्षवर्धन के हवाले से एक विज्ञप्ति में बताया गया, ‘‘पूरे ईविन प्लेटफॉर्म को कोविन नेटवर्क के रूप में पुनर्निर्मित किया जा रहा है। भंडार एक जगह से दूसरी जगह ले जाने पर डिजिटल रूप से निगरानी रखी जा सकती है और टीके के दो शॉट देने की जरूरत पड़ी तो टीके प्राप्त करने वालों का दो से तीन सप्ताह के बाद भी पता लगाया जा सकता है। यह टीके की आखिरी जगह तक आपूर्ति सुनिश्चित करेगा।” हर्षवर्धन ने सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बीच सहयोग के प्रमाण के रूप में कोविड-19 सेभारत के मुकाबले का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “हमारा राष्ट्र अब व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) किट के सबसे बड़े निर्माताओं में से एक बन गया है। हम कुछ साल पहले परीक्षण के लिए नमूने सीडीसी अटलांटा में भेजते थे, जबकि अब हमारे पास देश की कुल परीक्षण क्षमता में योगदान देने वाली निजी परीक्षण प्रयोगशालाएं हैं।” 

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उन्होंने कोरोना योद्धाओं की भी सराहना की, विशेष रूप से उनकी माताओं की सराहना की जो अपने बच्चों को उनके कर्तव्य को पूरा करने से नहीं रोकतीं जबकि वे इससे जुड़े स्वास्थ्य खतरों के बारे में जानती हैं। उन्होंने कहा, “भारतीय स्वास्थ्य उद्योग राजस्व और रोजगार के प्रावधान के मामले में भारत के सबसे बड़े क्षेत्र में से एक है और 2022 तक इसका बाजार तीन गुना बढ़कर 8,600 अरब रूपये होने के अनुमान के साथ यह जरूरी है कि ऐसे कदम उठाए जाएं जो हितधारकों को उद्योग के साथ जोड़ें।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की जरूरत है, जो सुलभ और सस्ती हो, विशेषकर हमारे पूरे तंत्र पर कोविड-19 के प्रभावों को देखते हुए यह अब पहले से कहीं ज्यादा जरूरी बन जाती है।” स्वास्थ्य मंत्री ने न केवल कोविड-19 से लड़ने में, बल्कि देश में गैर-कोविड आवश्यक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने में सूचना प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से जुड़ी मंत्रालय की उपलब्धियों परकहा, “हमें उस क्षमता को अधिकतम करने की जरूरत है जो प्रौद्योगिकी ने हमें प्रदान की है और सबके लिए स्वास्थ्य सेवा की दिशा में हमारी कोशिश को लेकर इसका लाभ उठाने की जरूरत है। दूरचिकित्सा सामने आई है और इसने हमें अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी के लिए एक समाधान प्रदान किया है। आज ई-संजीवनी दूर-परामर्श सेवा ने आठ लाख इस तरह के परामर्श पूरे कर लिए हैं।” हर्षवर्धन ने पोलियो के खिलाफ अभियान से जुड़े अपने अनुभव का उल्लेख करते हुए याद दिलाया कि सीआईआई, दिल्ली चैंबर ऑफ कॉमर्स, रोटरी क्लब जैसे निजी संगठन खर्च वहन करने के लिए आगे आए थे और इसे एक बड़ी सफलता दिलाई थी। उन्होंने कहा, ‘‘हमें एक मजबूत स्वास्थ्य सेवा पारिस्थितिकी तंत्र के सही महत्व को समझने में संगठनों और उद्योगों की मदद करने की दिशा में आगे बढ़ने की जरूरत है। यह जैविक विकास पहलों और अन्य गैर-पारंपरिक स्वास्थ्य देखभाल मॉडल दोनों की करीबी निगरानी सुनिश्चित करते हुए किया जाना है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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