आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम को हरियाणा ने दिया नया रूप

Manohar Lal

महोत्सव कार्यक्रम को चिरस्थाई यादगार का रूप देते हुए अंग्रेजों की बर्बरता का गवाह रहे भिवानी जिले के रोहनात गांव पर बने नाटक ‘दास्तान ए रोहनात’ को हरियाणा के घर-घर पहुंचाने की पहल की है। अब इस नाटक का मंचन सभी 22 जिलों में करवाया जाएगा।

चंडीगढ़  मुख्यमंत्री  मनोहर लाल सरकार ने देश की आजादी के 75वें वर्ष में मनाए जा रहे अमृत महोत्सव कार्यक्रम को चिरस्थाई यादगार का रूप देते हुए अंग्रेजों की बर्बरता का गवाह रहे भिवानी जिले के रोहनात गांव पर बने नाटक ‘दास्तान ए रोहनात’ को हरियाणा के घर-घर पहुंचाने की पहल की है। अब इस नाटक का मंचन सभी 22 जिलों में करवाया जाएगा।

 

एक सरकारी प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री की  घोषणा के अनुरूप ‘रोहनात फ्रीडम ट्रस्ट’ के माध्यम से इस गांव को एक नया रूप दिया जाएगा। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने स्कूली पाठ्यक्रमों में रोहनात गांव की कहानी को शामिल करवाने तथा गांव में एक अकादमी की स्थापना करने की घोषणा भी की है।

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उल्लेखनीय है कि 15 अगस्त, 2017 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री, जब हिसार के महावीर स्टेडियम में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में पधारे थे तो उस समय मुख्यमंत्री ने अंग्रेजो की बर्बरता का शिकार रहे भिवानी जिले के रोहनात गांव में रोहनात फ्रीडम ट्रस्ट के गठन की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री की इस घोषणा का परिणाम यह रहा कि रोहनात गांव के लोगों ने देश की आजादी के 70 वर्षों तक गांव में तिरंगा न फहराने की अपनी उस कसम को तोड़ दिया और 23 मार्च, 2018 को ‘शहीदी दिवस’ के अवसर पर मुख्यमंत्री से रोहनात में तिरंगा फहरवाया था। शहीदी दिवस के ही कार्यक्रमों के तहत  26 मार्च, 2022 को चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के इंदिरा गांधी सभागार एक बार फिर गवाह बना जब रोहनात व उसके आसपास के 700 से अधिक लोगों के साथ बैठकर मुख्यमंत्री ने स्वयं ‘दास्तान-ए-रोहनात’ नाटक को देखा और गांव के उन महान बलिदानियों को श्रृद्घाजंलि दी। नाटक देख कर मुख्यमंत्री इतने भावुक हुए की कलाकारों की हौसला अफजाई के लिए पुन: मंच पर जाकर  तिरंगा लहराने  से अपने-आप को नहीं रोक सके।

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सूचना जन सम्पर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डॉ. अमित अग्रवाल के दिशानिर्देशों के अनुसार अब नाटक ‘दास्तान ए रोहनात’ को सभी 22 जिलों में दिखाया जाएगा और इस प्रकार इस गांव की दास्तान हरियाणा के घर-घर तक पहुंंचेगी।

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यहां यह भी उल्लेखनीय है कि 1857 के संग्राम में हरियाणा का योगदान अविस्मरणीय रहा है। कई इतिहासकारों ने इस पर पुस्तकें  भी लिखी हैं । नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की आजाद हिन्द सेना में भी सबसे ज्यादा सैनिक हरियाणा के थे। आजादी की पहली लड़ाई की चिंगारी भी अम्बाला से फूटी थी। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की घोषणा के अनुरूप अम्बाला छावनी में जी.टी. रोड़ पर एक भव्य संग्रहालय का निर्माण करवाया जा रहा है जिसका देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर अर्थात 15 अगस्त, 2022 को लोकार्पण होना आपेक्षित है । देश की आजादी के बाद भी सशस्त्र सेनाओं में हरियाणा  के जवानों की भागीदारी उल्लेखनीय है और आज भारतीय सेनाओं में हर 10वां सैनिक हरियाणा से है।

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