हरियाणा किसान संगठन ने आश्वासन के बाद एनएच जाम करने का आह्वान वापस लिया

Haryana Kisan Sangathan
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चढूनी ने कहा कि किसानों के शिष्टमंडल के साथ बैठक के दौरान विज ने उनकी मांग को स्वीकार किया है जिसके बाद उनलोगों ने राजमार्ग को अवरूद्ध नहीं करने का निर्णय किया है।

किसानों की मांगों पर हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज की ओर से आश्वासन मिलने के बाद भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) ने बुधवार को राष्ट्रीय राजमार्ग 44 को जाम करने के अपने कार्यक्रम को वापस ले लिया। बीकेयू (चढूनी) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने सरकार द्वारा निरस्त किए गए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन के दौरान कृषकों के खिलाफ दर्ज सभी मामलों को वापस लेने में कथित रूप से विफल रहने पर राष्ट्रीय राजमार्ग- 44 को अवरुद्ध करने का आह्वान किया था।

चढूनी ने कहा कि किसानों के शिष्टमंडल के साथ बैठक के दौरान विज ने उनकी मांग को स्वीकार किया है जिसके बाद उनलोगों ने राजमार्ग को अवरूद्ध नहीं करने का निर्णय किया है। उन्होंने कहा कि संगठन बृहस्पतिवार को अंबाला छावनी अनाज मंडी के पास मोहरा में राजमार्ग को अवरूद्ध करने के बजाये एक बैठक आयोजित करेगा। विज ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार ने कहा है कि जघन्य मामलों को छोड़कर सभी मामले वापस ले लिए जायेंगे।

इस बीच मंत्री ने कहा, ‘‘मैने उन्हें आश्वासन दिया है कि प्रक्रिया चल रही है, जिसके बाद उन्होंने कल राजमार्ग अवरूद्ध करने के अपने फैसले को वापस ले लिया है।’’ गृह मंत्री के कार्यालय के पिछले सप्ताह जारी बयान में कहा गया है कि केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान 294 मामले दर्ज किये गये थे और उनमें से 163 को रद्द करने की अनुमति राज्य सरकार से प्राप्त हो गयी है। अदालत ने 98 मामलों में प्रकरण वापस लेने की अनुमति दे दी है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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