पढ़िए कश्मीर पर अमित शाह की बैठक पर क्या कुछ हुआ

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[email protected] । Aug 4 2019 3:37PM

जम्मू कश्मीर प्रशासन ने आतंकी खतरे का जिक्र करते हुए वार्षिक अमरनाथ यात्रा बीच में ही रोकने और तीर्थयात्रियों तथा पर्यटकों को कश्मीर घाटी खाली करने का आदेश दिया था।

नयी दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के साथ एक बैठक की। समझा जाता है कि उन्होंने जम्मू कश्मीर में मौजूदा स्थिति पर चर्चा की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। घंटे भर चली बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल, केंद्रीय गृह सचिव राजीव गाबा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। एक अधिकारी ने बताया कि समझा जाता है कि बैठक में जम्मू कश्मीर के हालात पर चर्चा की गई। हालांकि बैठक में वास्तव में क्या चर्चा हुई, इस बारे में फिलहाल जानकारी नहीं मिल पाई है। पिछले हफ्ते जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई थी। राज्य का प्रशासन राष्ट्रपति शासन के तहत है।

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जम्मू कश्मीर प्रशासन ने आतंकी खतरे का जिक्र करते हुए वार्षिक अमरनाथ यात्रा बीच में ही रोकने और तीर्थयात्रियों तथा पर्यटकों को कश्मीर घाटी खाली करने का आदेश दिया था। एनआईटी, श्रीनगर में पढ़ रहे दूसरे राज्यों के छात्रों को भी परिसर खाली करने और घर लौटने को कहा गया है। उन्हें अगले आदेश तक नहीं लौटने को कहा गया है। अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती एवं अन्य कदम उठाये जाने के बाद यह अफवाह है कि केंद्र की योजना ‘अनुच्छेद 35 ए’ को खत्म करने की हो सकती है। यह अनुच्छेद राज्य के बाशिंदों को सरकारी नौकरियों और भूमि पर विशेष अधिकार देता है। 

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हालांकि, मुख्यधारा की पार्टियों ने राज्य को प्राप्त विशेष दर्जे में बदलाव करने वाले इस तरह के किसी कदम का प्रतिरोध करने का संकल्प लिया है। बृहस्पतिवार को नेशनल कांफ्रेंस के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकत की। उन्होंने प्रधानमंत्री से ऐसा कोई कदम नहीं उठाने का अनुरोध किया जो राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब करती हो। प्रतिनिधिमंडल में नेकां प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और पार्टी के एक सांसद शामिल थे। उन्होंने मोदी से साल के अंत तक राज्य में विधानसभा चुनाव कराने का मार्ग प्रशस्त करने में सहयोग करने का भी अनुरोध किया। 

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