Tawang में अब कैसी हैं स्थिति, 9 दिसंबर को क्या हुआ था? पूर्वी कमान प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कलिता ने दी की पूरी जानकारी

RP Kalita
ANI
अंकित सिंह । Dec 16 2022 12:33PM

अपने बयान में आरपी कलिता ने बताया कि 9 दिसंबर को चीनी सैनिकों ने एलएसी पार करने की कोशिश की थी। इसका हमारे सैनिकों ने विरोध किया। इस दौरान झड़प भी हो गई थी। इसके साथ ही लेफ्टिनेंट जनरल ने यह भी बताया है कि आप सभी जानते हैं कि बॉर्डर पर कई विवादित क्षेत्र हैं।

9 दिसंबर को तवांग में भारत और चीन की सेना आमने-सामने थी। इस झड़प को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में बयान दिया। राजनाथ सिंह ने संसद में बताया कि चीन यथास्थिति बदलने की अख्तर का कोशिश कर रहा था। हमारे सेना के जवानों ने बहादुरी से जवाब दिया और पीएलए को वापस खदेड़ भेजा। हालांकि, सवाल यह भी है कि अब तवांग में कैसी स्थिति है? विजय दिवस के अवसर पर पूर्वी सेना कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कलिता ने आज पूरी जानकारी दी है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि एलएसी पर परिस्थिति हमारे नियंत्रण में है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया है कि आखिर 9 दिसंबर को वहां क्या कुछ हुआ था। 

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अपने बयान में आरपी कलिता ने बताया कि 9 दिसंबर को चीनी सैनिकों ने एलएसी पार करने की कोशिश की थी। इसका हमारे सैनिकों ने विरोध किया। इस दौरान झड़प भी हो गई थी। इसके साथ ही लेफ्टिनेंट जनरल ने यह भी बताया है कि आप सभी जानते हैं कि बॉर्डर पर कई विवादित क्षेत्र हैं। इन्हें लेकर दोनों पक्षों में अपनी-अपनी मान्यताएं हैं। इसी वजह से दोनों सेनाओं के बीच झड़प हुई थी। लेकिन उन्होंने साफ तौर पर कहा कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने एलएसी को पार करने की कोशिश की थी जिसके बाद भारत की ओर से विरोध किया गया और फिर हाथापाई हुई थी। दोनों तरफ के सैनिकों को कुछ चोटें आई हैं। स्थानीय स्तर पर इसका समाधान भी हुआ है। इसके बाद बुमला में एक फ्लैग मीटिंग की गई थी। अब स्थिति नियंत्रण में है। 

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लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कलिता ने यह भी कहा कि सैन्य पुरुषों के रूप में हम हमेशा अपने देश की रक्षा के लिए तैयार हैं। शांति हो या संघर्ष, प्राथमिक कार्य बाहरी या आंतरिक खतरे के खिलाफ देश की क्षेत्रीय अखंडता को सुनिश्चित करना है। हम सभी परिस्थितियों और आकस्मिकताओं के लिए तैयार हैं। आपको बता दें कि विजय दिवस 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत की याद में मनाया जाता है। बांग्लादेश, जो तब पाकिस्तान का हिस्सा था, युद्ध के बाद एक स्वतंत्र देश के रूप में अस्तित्व में आया था। 

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